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चीन की कोरोना वैक्‍सीन पर निर्भर देशों में फिर बढ़ रहे कोरोना केस:

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कोरोना वायरस (Coronavirus) की उत्‍पत्ति के स्‍थान को जानने के लिए पिछले दिनों अमेरिका ने जांच की. इसमें चीन (China) की वुहान लैब में इसकी उत्‍पत्ति की आशंका से इनकार नहीं किया गया है. हालांकि चीन (China Coronavirus) शुरुआत से ही इस बात को नकारता रहा है. इसके साथ ही चीन ने अपनी कोरोना वैक्‍सीन (Chinese Corona Vaccine) को भी कारगर बताया था. अब चीन की इसी कोरोना वैक्‍सीन की सच्‍चाई सामने आ रही है. रिपोर्ट के अनुसार जो देश चीन की इस वैक्‍सीन पर निर्भर हैं, अब उनमें कोरोना केस की संख्‍या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

एक रिपोर्ट के अनुसार मंगोलिया, सेशेल्‍स और बहरीन जैसे देश चीन की कोरोना वैक्‍सीन पर निर्भर हैं. चीन की वैक्‍सीन इन देशों में लोगों को लगाई गई थी. इसके बाद इन देशों में हालात सामान्‍य हो रहे थे. लेकिन अब इन देशों में फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है. रिपोर्ट के अनुसार यह भी दावा किया जा रहा है कि कई देशों से प्राप्‍त जानकारी के विश्‍लेषण से पता चलता है कि चीन की वैक्‍सीन कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर प्रभावी नहीं है.

डाटा ट्रैकिंग ऑनलाइन प्रोजेक्‍ट अवर वर्ल्‍ड इन डाटा के आंकड़ों के मुताबिक सेशेल्‍स, चिली, बहरीन और मंगोलिया में करीब 50 से 68 फीसदी आबादी को चीन की कोरोना वैक्‍सीन लगाई गई है. ये सभी देश विश्‍व के उन देशों की सूची में भी शामिल थे, जहां कोरोना संक्रमण काफी अधिक था.

मीडिया रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी ऑफ हांग कांग के वायरोलॉजिस्‍ट जिन डोन्‍ग्‍यान का कहना है कि अगर वैक्‍सीन अच्‍छी हैं तो हमें ऐसी स्थिति नहीं देखनी चाहिए. इस स्थिति को ठीक करने की जिम्‍मेदारी चीन की है.

सेशेल्‍स के बाद इजरायल दुनिया का दूसरा ऐसा देश है, जहां सबसे अधिक कोरोना टीकाकरण हुआ है. इजरायल में प्रति दस लाख आबादी पर 4.95 केस सामने आए हैं. वहीं सेशेल्‍स में लोगों को चीन की सिनोफार्म वैक्‍सीन लगाई गई थी. वहां प्रति दस लाख आबादी पर 716 से अधिक केस आए हैं.

वहीं इंडोनेशिया में 350 से अधिक डॉक्‍टर और अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित हुए हैं. जबकि इन लोगों को चीन की सिनोवैक वैक्‍सीन लग चुकी है. चीन की सिनोफार्म वैक्‍सीन का प्रभावीकरण 78.1 फीसदी और सिनोवैक वैक्‍सीन का प्रभावीकरण 51 फीसदी बताया गया है.