ग्वालियर लोकायुक्त (Lokayukta) पुलिस ने मुरैना जिले के सबलगढ़ टीआई को रिश्वत (Bribe) लेते पकड़ा. टीआई ने पॉक्सो एक्ट के आरोपी की गाड़ी छोड़ने के एवज में रिश्वत ले रहा था. लेकिन रिश्वत के पैसे उसने खुद न लेकर अपने चपरासी से रिसीव कराए.
थाना परिसर में बने आवास में टीआई ने रिश्वत की रकम अपने नौकर के हाथों से ली. टीआई और सब इंस्पेक्टर फरियादी की बाइक छोड़ने के एवज में 20 हजार रुपए पहले ही वसूल कर चुके थे. उसके बाद 7 हजार रुपये और मांग रहे थे. फरियादी की शिकायत पर लोकायुक्त ने जांच में मामले को सही पाया. जिसके बाद सोमवार देर रात लोकायुक्त की टीम ने टीआई के खिलाफ कार्रवाई की.
थाना परिसर में ले रहे थे रिश्वत…
ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने बीती रात सबलगढ़ थाना में रिश्वत खोरी का मामला उजागर किया. विजयपुर में रहने वाले ऋषिकेश गोस्वामी थाना प्रभारी नरेद्र शर्मा के घर पहुंचे और उन्हें 7 हजार रुपए दिये. नरेंद्र शर्मा ने अपने कर्मचारी महेंद्र पाल को रिश्वत की रकम लेकर अलमारी में रखने के लिए कहा. ऋषिकेश रुपये देकर बाहर निकला तो पहले से वहां मौजूद ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने टीआई के घर पर धावा बोल दिया. घर की तलाशी ली तो रिश्वत में लिए गए कैमिकल लगे नोट बरामद कर लिए गए. जब कर्मचारी महेंद्र पाल के हाथ धुलवाए तो वो लाल हो गए.
टीआई कर चुके थे बीस हजार की वसूली
ग्वालियर लोकायुक्त टीम के इंस्पेक्टर बृजमोहन नरवरिया ने बताया कि 14 जून की शाम सबलगढ़ पुलिस ने चैकिंग के दौरान बाइक से भाग रहे पॉक्सो एक्ट के आरोपी को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपी के पास से बरामद हुई बाइक विजयपुर के मेवदा गांव के रहने वाले ऋषिकेश गोस्वामी की निकली. पुलिस ने ऋषिकेश को फोन कर थाने बुलवाया. ऋषिकेश ने पुलिस को बताया कि उसकी गाड़ी दोस्त के पास थी. जहां से ये आरोपी गाड़ी लेकर भाग आया. लोकायुक्त ने बताया कि टीआई नरेंद्र शर्मा, सब इंस्पेक्टर महावीर शर्मा ने 14 जून की रात को ऋषिकेश को पॉक्सो एक्ट के आरोपी को सहयोग देने का मामला दर्ज करने के लिए धमकाया. ऋषिकेश ने पुलिस से पीछा छुड़वाने के लिए 15 हजार रुपए दिये. लेकिन टीआई ने उससे 20 हजार रुपए और मांगे. परेशान ऋषिकेश ने 16 जून को इस मामले की ग्वालियर लोकायुक्त से शिकायत कर दी.
लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया
ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने ऋषिकेश की शिकायत की जांच के लिए 18 जून को टीआई नरेंद्र शर्मा और फरियादी ऋषिकेश की बातचीत रिकार्ड कराई. बातचीत में 20 हजार रुपए की बात 12 हजार में सैटल हो गई. ऋषिकेश ने पांच हजार रुपए वहीं दिए और सात हजार रुपए 21 जून को देने के लिए कहा. बातचीत की रिकार्डिंग के आधार पर लोकायुक्त ने टीआई नरेंद्र शर्मा और सब इंस्पेक्टर महावीर शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया और फिर 21 जून को मुरैना पहुंचकर ट्रेप की कार्रवाई को अंजाम दिया.
टीआई- एसआई आरोपी, नौकर सह आरोपी
ग्वालियर लोकायुक्त इंस्पेक्टर बृजमोहन नरवरिया ने बताया कि टीआई नरेंद्र शर्मा और सब इंस्पेक्टर महावीर शर्मा को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1बी) और 13(2) के तहत आरोपी बनाया गया है. रुपए लेने वाले महेंद्र पाल को 120 बी के तहत सह आरोपी बनाया है. कार्रवाई के बाद थाना परिसर में ही टीआई औऱ सब इंस्पेक्टर को मौके पर ही जमानत पर छोड़ दिया गया.