तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने यह बात स्वीकार की है कि उत्तर कोरिया में खाद्यान संकट गहराता जा रहा है. उन्होंने इसके लिए देश के लोगों को चेतावनी (Warning) तक दे डाली है. किम ने कहा है कि देश में खाद्यान का गंभीर संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने अधिकारियों से कृषि उत्पादन बढ़ाने के तरीके खोजने की बात भी कही. तानाशाह किम जोंग का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब वह अपने कम वजन को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए हैं.
उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि मंगलवार को किम जोंग उन ने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के प्लेनरी सेशन की शुरुआत की. इसी दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को खाद्यान संकट के प्रति आगाह किया. दरअसल, कोरोना संकट की वजह से उत्तर कोरिया ने चीन के साथ लगती अपनी सीमा को बंद कर दिया है. इसी बीच कई बार तूफान और बाढ़ आने की वजह से देश में फसलें बर्बाद हो गईं.
उत्तर कोरिया में सरकारी अक्षमता की वजह से 1990 के दशक में भुखमरी आ चुकी है. एक अनुमान है कि इसमें उत्तर कोरिया के लाखों लोग मारे गए थे. उत्तर कोरिया पर नजर रखने वाले संगठनों का कहना है कि अभी इस चारों से तरफ से बंद देश में व्यापक स्तर पर भुखमरी नहीं देखी जा रही है. वहीं कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह उत्तर कोरिया में तूफान के पहले की शांति है और खाने की कमी से जनता में भय पैदा हो सकता है.
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दक्षिण कोरिया सरकार के विकास संस्थान का कहना है कि इस साल उत्तर कोरिया में 10 लाख टन खाद्यान का संकट हो सकता है. बता दें कि हाल ही में किम जोंग उन की ताजा तस्वीरें सामने आई थीं. इसमें उत्तर कोरियाई तानशाह दुर्बल दिख रहा है. इसके बाद एकबार फिर से दुनियाभर में किम जोंग उन के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का बाजार गरम हो गया है. कहा जाता है कि किम जोंग को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है. बैठक के दौरान किम ने कोरोना लॉकडॉउन को जारी रखने का ऐलान किया.