जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए नई और ज्यादा खतरनाक तरकीब निकाली है. खूफिया सूत्रों के हवाले से खबर है कि आर्मर पियरसिंग बुलेट्स यानि AP के बाद अब दहशतगर्द आर्मर पियरसिंग बुलेट्स (API) का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है, तो सुरक्षा बलों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो सकती है.
कई बार हो चुकी हैं बरामद
इससे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की तरफ से AP के इस्तेमाल की खबरें आती रही हैं, लेकिन अभी तक API के उपयोग के मामले कम ही देखे गए थे. कुछ वक्त पहले ही जम्मू के उधमपुर इलाके में ट्रक में सवार जैश के आतंकियों के पास से API बुलेट्स बरामद की गई थी. इससे पहले इस तरह की गोलियों का इस्तेमाल अफगानिस्तान, सीरिया जैसे तनाव वाले क्षेत्रों में होता रहा है.
क्या होती है API
दरअसल, AP और API दोनों तरह की गोलियां बुलेटप्रूफ जैकेट को भेद सकती हैं. इसके बाद भी API को ज्यादा खतरनाक इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि टकराने के बाद इसमें आग लग जाती है और धमाका भी होता है. फिलहाल आतंकवादियों की इस साजिश को लेकर सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं.
जम्मू कश्मीर में ये पैटर्न देखा गया है कि आतंकी संगठन इजराइल फिलिस्तीन के बीच चल रहे संघर्ष या अफगानिस्तान में जो IED या गोला बारूद इस्तेमाल होता है उसको जम्मू कश्मीर में भी इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं. मसलन स्टिकी बम या मैग्नेटिक IED का इस्तेमाल अफगानिस्तान में और ईरान के कट्टरपंथी संगठनों ने दिल्ली समेत दुनिया के दूसरे हिस्सों में किया, जिसको अब जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन इस्तेमाल करने की कोशिश में जुटे हैं. सुरक्षा बलों की मुस्तैदी की वजह से वो अपने मकसद में कामयाब नही हो पाए हैं, लेकिन कई स्टिकी बम जम्मू-कश्मीर के अलग अलग इलाकों से बरामद किए जा चुके हैं.