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कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन आखिर क्यों रातोंरात नहीं बढ़ाया जा सकता? सरकार ने बताई वजह

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कोरोना जैसी महामारी को मात देने के लिए फिलहाल एकमात्र हथियार है वैक्सीन (Covid-19 Vaccine). लेकिन भारत के कई राज्य इस वक्त वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहे हैं. वैक्सीन न होने के चलते कई राज्यों में वैक्सीनेशन सेंटर को बंद करना पड़ा है. इस बीच कुछ नेताओं ने सरकार से वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है. लेकिन सरकार की दलील है कि रातों-रात वैक्सीन की प्रोडक्शन नहीं बढ़ाई जा सकती है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन की कमी को लेकर अपनी सफाई दी है. सरकार का कहना है कि वैक्सीन एक बायोलॉजिकल प्रोडक्ट है और इसे सारे सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रख कर तैयार करना होता है.

सरकार की तरफ से ये दलील कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने वैक्सीन की सप्लाई को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे. राहुल ने आरोप लगाए थे कि केंद्र सरकार के पास वैक्सीन को लेकर कोई रणनीति नहीं है. उन्होंने कहा था कि जिस रफ्तार से देश में वैक्सीनेशन के प्रक्रिया चल रही हैं उसमें तीन साल तक का वक्त लग सकता है और इस दौरान कोरोना की कई लहरें देश को तबाह कर देंगी.

राहुल को केंद्र सरकार का जवाब

इसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राहुल गांधी को जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार ने वैक्सीन को लेकर रोडमैप तैयार कर लिया है और दिसंबर तक देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘वैक्सीन के बारे में पिछले सप्ताह स्वास्थ्य विभाग ने विस्तृत जानकारी दी थी.’ विभाग की तरफ से बताया गया था कि दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज मौजूद होंगे. यानी 108 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन का पूरा खाका पेश किया गया था. विभाग ने वैक्सीन के नाम भी बताए थे. कोविशील्ड, कोवैक्सीन, नोवावैक्सीन, जेनोवा और स्पूतनिक-V का जिक्र किया गया था.

20 करोड़ को वैक्सीन

सरकार की तरफ से कहा गया कि वैक्सीन की डिमांड पूरी दुनिया में है. जबकि इसे तैयार करने की कंपनियों के पास फिलहाल सीमित क्षमता है. जावड़ेकर ने कहा कि वैक्सीन की किल्लत के बावजूद सरकार ने सिर्फ 130 दिनों में 20 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज़ लगा दी. उनके मुताबिक ये दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान है.

कोवैक्सीन पर सरकार की सफाई

दो दिन पहले मीडिया में खबरे आईं थी कि कोवैक्सीन की 4 करोड़ डोज़ गायब हैं. लेकिन सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि ये सारी खबरें झूठी हैं. जावड़ेकर ने कहा कि भारत बायोटेक ने 28 मई तक सरकार को 2,76,66,860 वैक्सीन की डोज़ दी है. अप्रैल के महीने में कंपनी ने 1 करोड़ वैक्सीन तैयार की थी. आने वाले दिनों में वैक्सीन की प्रोडक्शन हर महीने 7 करोड़ तक पहुंच जाएगी.