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दिल्ली HC से केंद्र ने कहा- देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता, लेकिन दिल्ली सरकार उसे यहां तक लाने में नाकाम

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दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार पांचवें दिन दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के मुद्दे पर सुनवाई हुई. आज हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के रुख से नाराजगी जताते हुए सवाल पूछा कि अगर केंद्र सरकार ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को तैयार है तो आखिर दिल्ली सरकार और उनके अधिकारी उस ऑक्सीजन को दूसरे राज्यों से दिल्ली लाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि उनके पास दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन को दिल्ली लाने के लिए जो टैंकर चाहिए होते हैं, वह मौजूद नहीं हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को उनकी मदद करनी होगी.

दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई शुरू हुई तो महाराजा अग्रसेन और सरोज अस्पताल की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि हमारे पास कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची है और उसके बाद हालात काफी खराब हो सकते हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आखिर यह कब तक चलता रहेगा और ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर क्या स्थिति है.

केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए अब भारतीय वायुसेना के विमानों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है और वायुसेना का विमान टैंकर लेकर दुर्गापुर तक भी गया है लेकिन वहां से भी ऑक्सीजन के यहां पहुंचने में थोड़ा वक्त तो जरूर लग रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए नोडल अफसर ने कोर्ट को जानकारी दी कि हम 24 घंटे लगातार काम कर रहे हैं और जहां से जो जानकारी मिल रही है वहां जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं.

कोर्ट को जानकारी दी गई कि खाली टैंकर को तो वायुसेना के विमान से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों तक तो ले जाया जा सकता है, लेकिन भरे हुए टैंकर को वायुसेना के विमान से नहीं लाया जा सकता और इसमें वक्त लग रहा है. कोर्ट ने पूछा तो फिर रेलवे से ऑक्सीजन आने का क्या हुआ. कोर्ट को बताया गया कि वह काम भी शुरू हो गया है.

महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने कोर्ट को बताया कि उसके पास आईसीयू में 106 पेशेंट है, अगर जल्द ही ऑक्सीजन नहीं मिली तो उनको डिस्चार्ज करना पड़ेगा क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा. महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने ये भी कहा कि हम को सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए क्योंकि अब हम इस हालात में नहीं है कि नए मरीजों को भर्ती कर सकें.

दिल्ली सरकार ने कहा- हम केंद्र पर निर्भर

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हम तो केंद्र सरकार के ऊपर निर्भर हैं, जैसे ही हमें ऑक्सीजन मिलेगी हम उसको आगे अस्पतालों में भेज देंगे. जिस पर कोर्ट ने कहा कि लेकिन जिम्मेदारी है आपकी भी है और सिर्फ यह कह देने से काम नहीं चलेगा. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि हमको 480 मेट्रिक टन ऑक्सीजन देने की बात थी, लेकिन कल हमको सिर्फ 309MT ऑक्सीजन ही मिली है.

कोर्ट ने इस बीच दिल्ली सरकार से पूछा कि वह अपने ऑक्सीजन प्लांट क्यों नहीं लगाते, जिस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि इस ओर भी चर्चा चल रही है. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि जो कंट्रोल रूम है, उसको पल-पल की जानकारी दी जा रही है, जरूरत के बारे में बताया जा रहा है, लेकिन फिर भी मदद नहीं हो पा रही. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि आप हमको एक एक जानकारी दीजिए कि आखिर क्यों नहीं हो पा रहा.

दिल्ली सरकार ने कहा- जल्द ऑक्सीजन नहीं मिली तो…

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अगर हमको जल्दी 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलनी शुरू नहीं हुई तो कई बड़ी घटनाएं सामने होंगी. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा अगर हमने जल्दी इस स्थिति में सुधार नहीं किया तो अगले 24 घंटे में हालात बहुत खराब हो जाएंगे. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि नोडल ऑफिसर को ही पूरी जानकारी होनी चाहिए कि कब कौन सा टैंकर कहां से निकला है कहां पहुंचा है और कितनी देर में सप्लाई लेकर दिल्ली में दाखिल हो जाएगा, जिससे कि हमको मदद मिलेगी जरूरत को पूरा करने में.

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले प्लांट पर राज्य सरकारों के अपने अधिकारी भी बैठे हैं, जो अपने राज्य की जरूरत के हिसाब से वहां से टैंकर को निकाल रहे हैं. दिल्ली सरकार के वकील के इस बयान पर कोर्ट ने कहा कि आप हमको उनका नाम बताइए जिससे कि हम उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई करते हैं. यह जानकारी कोर्ट को मिलना निहायत ही जरूरी है.

केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली की तरफ से 22 अप्रैल को 326 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत थी. लगातार इस जरूरत को पूरा करने की तरफ कार्रवाई की जा रही है. कई बार तो यह हो रहा है कि जिस अस्पताल को ऑक्सीजन मिल भी जा रही है वह फिर से मांग करने लगता है, जिससे कि जो जरूरतमंद अस्पताल है, उनको ऑक्सीजन मिलने में दिक्कत होने लगती है. लिहाज़ा दिल्ली सरकार को अपने सिस्टम में सुधार करना होगा. जिस पर कोर्ट ने कहा कि इस वक्त जरूरत इस बात की है कि अस्पतालों की जरूरत के हिसाब से उन तक जल्द से जल्द ऑक्सीजन पहुंचाई जाए.

3 से 4 दिनों के अंदर दिक्कतें दूर होना शुरू हो जाएंगी

केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि ऑक्सीजन क्योंकि दूसरे राज्यों से आ रही है इसी वजह से उसको यहां पहुंचने में थोड़ा वक्त जरूर लग रहा है, उम्मीद कर रहे हैं अगले 3 से 4 दिनों के अंदर दिक्कतें दूर होना शुरू हो जाएंगी.

इसी दौरान केंद्र सरकार के नोडल अफसर ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने दिल्ली सरकार के नोडल ऑफिसर को जानकारी दी कि राहुल केला से आने वाली सप्लाई कब तक आ जाएगी राउरकेला से आने वाली सप्लाई रेडी है, लेकिन उसको कोई लेने वाला नहीं है. बाकी सारे राज्य रेलवे के साथ बातचीत और टैंकर उपलब्ध करवाने में सहायता कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जैसे दिल्ली को सब थाली में सजा हुआ चाहिए. यह गंभीर हालात हैं सबको मिलकर साथ में काम करना होगा जैसे बाकी राज्य सहयोग कर रहे हैं दिल्ली को भी करना होगा