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मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट से निपटने सभी समाज प्रमुखों और सामाजिक संगठनों से सरकार के सहयोग की अपील की

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मंत्री-परिषद के सदस्यों के साथ कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों पर विभिन्न समाजों के प्रमुखों एवं सामाजिक संगठनों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने पांचों संभाग मुख्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े सामाजिक प्रतिनिधियों को प्रदेश में कोरोना संक्रमण की बिगड़ती स्थिति की जानकारी देते हुए उनसे सुझाव मांगे। उन्होंने कोरोना टीकाकरण और कोविड-19 जांच के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ ही संक्रमण से बचने मास्क के उपयोग, शारीरिक दूरी बरतने और हाथों की अच्छी साफ-सफाई के बारे में जागरूक करने कहा। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन भी शामिल हुए।

श्री बघेल ने कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए सभी समाज प्रमुखों और सामाजिक संगठनों को सरकार की खुलकर मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष जिस तरह से समाज के सभी तबकों के सहयोग से कोरोना संक्रमण को रोकने में कामयाबी मिली थी, उसी तरह के सक्रिय सहयोग की अभी जरूरत है। उन्होंने अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और लॉक-डाउन वाले इलाकों में जरूरतमंदों को भोजन एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आर्थिक और भौतिक सहयोग प्रदान करने की भी अपील की।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े एम्स रायपुर, डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय, सिम्स बिलासपुर के विशेषज्ञों और इंडियन मेडिकल काउंसिल के प्रतिनिधियों से भी कोरोना संकट से निपटने सुझाव मांगे। विशेषज्ञों ने अस्पतालों में ऑक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और पर्याप्त संख्या में मानव संसाधन की जरूरत बताई। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित लोग इलाज के लिए अस्पताल काफी देरी से पहुंच रहे हैं। गंभीर अवस्था में पहुंचने के कारण मौतों की संख्या बढ़ रही है। इंडियन मेडिकल काउंसिल के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि गंभीर मरीजों के इलाज के लिए एक सेंट्रल रिफरल सिस्टम बनाया जाना चाहिए। साथ ही सरकारी और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को शामिल कर मानक ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल भी निर्धारित किया जाना चाहिए।

विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सामाजिक और नागरिक संगठनों के सक्रिय सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि टीकाकरण, जांच, संक्रमण से बचने के उपायों और जरूरी सावधानियों के बारे में लोगों को जागरूक करने में ये संगठन काफी मददगार होंगे। उन्होंने विभिन्न सामाजिक भवनों में कोविड केयर सेंटर्स संचालित करने का सुझाव दिया। इससे ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन सुविधा की जरूरत नहीं है, उनका अनावश्यक भार अस्पतालों पर नहीं आएगा।

मुख्यमंत्री ने पांचों संभागीय मुख्यालयों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े मुस्लिम समाज, सिक्ख समाज, मसीही समाज, जैन समाज, बौद्ध समाज, ब्राह्मण समाज, क्षत्रिय समाज, साहू समाज, कुर्मी समाज, देवागंन समाज, यादव समाज, सतनामी समाज, गोंड़ समाज, नागेशिया समाज, कंवर समाज, उरांव समाज, पहाड़ी कोरवा समाज और अन्य समाजों के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोरोना संक्रमण के प्रति लोग कम जागरूक हैं। इससे बचने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में लोग शिथिल हो गए हैं। शहरों के साथ ही गांवों में भी कोविड-19 के मरीज मिल रहे हैं। पूरा का पूरा परिवार संक्रमित हो जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां-जहां आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा सकती है, वहां प्राथमिकता से बिस्तरों की संख्या बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर्स के लिए छात्रावासों और अन्य शासकीय भवनों के साथ ही सामाजिक संगठनों से बात कर उनके भवन का भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कोरोना मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में आक्सीजन सुविधा वाले बिस्तरों की आरक्षित संख्या 50 प्रतिशत से बढ़ाने का भी सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री द्वारा सामाजिक संगठन प्रमुखों और मेडिकल विशेषज्ञों के साथ चर्चा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री नीरज बंसोड़ और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला भी मौजूद थीं। वहीं एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन नागरकर, डॉ. अजय बेहरा, डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के डीन डॉ. विष्णु दत्त, अधीक्षक डॉ. विनीत जैन, आइसोलेशन वार्ड के प्रभारी डॉ. ओ.पी. सुंदरानी, बिलासपुर मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, इंडियन मेडिकल काउंसिल के डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. महेश सिन्हा तथा रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, सरगुजा और दुर्ग संभागीय मुख्यालयों में वहां के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक विभिन्न समाजों के प्रमुखों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से चर्चा में हिस्सा लिया।