अगर आप प्राइवेट कंपनी (Private Company) में काम करते हैं तो आपके लिए राहत भरी खबर है. अब आपको कंपनी बदलने पर पीएफ (PF) की तरह ग्रेच्युटी (gratuity) ट्रांसफर का भी मौका मिल सकता है. एक कंपनी को छोड़कर दूसरे में जॉइन करने पर जिस तरह पीएफ का पैसा उस कंपनी में ट्रांसफर हो जाता है.उसी तरह ग्रेच्युटी का पैसा भी ट्रांसफर हो जाएगा. दरअसल, सरकार, यूनियन और इंडस्ट्री के बीच स्ट्रक्चर में बदलाव पर सहमति बन चुकी है और इसे जल्द ही लागू किया जा सकता है. CNBC आवाज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों (Private Employees) को PF की तरह ग्रेच्युटी ट्रांसफर करने का ऑप्शन मिलेगा. ग्रेच्युटी पोर्टेबिलिटी पर सहमति बनने के बाद जॉब चेंज करने पर पीएफ
की तरह ग्रेच्युटी भी ट्रांसफर होगी.
जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सरकार इस फैसले पर जल्द ही नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. श्रम मंत्रालय यूनियन और इंडस्ट्री की मीटिंग में ग्रेच्युटी को सीटीसी का हिस्सा बनाने के प्रस्ताव पर बातचीत हुई है. यह प्रावधान समाजिक सुरक्षा अधिनियम में शामिल किया जाएगा. हालांकि, इस पर काम के दिनों को बढ़ाने पर इंडस्ट्री ने सहमति नहीं जताई है. इंडस्ट्री ग्रेच्युटी के लिए 15 से 30 दिन के वर्किंग डे के प्रस्ताव पर सहमत नहीं है.
जैसा कि हम जानते हैं लोग किसी न किसी वजह से अपने जीवन में कई बार नौकरियां बदल लेते हैं. खासकर प्राइवेट सेक्टर में देखने को मिलता है कि कोई व्यक्ति आज इस कंपनी में काम कर रहा है तो कुछ दिनों या कुछ वर्षों के बाद दूसरी कंपनी या संस्थान में नजर आता है. ऐसे में उस व्यक्ति के संस्थान बदलने के साथ उसका पीएफ भी ट्रांसफर होता रहता है, लेकिन ग्रेच्युटी की राशि ट्रांसफर नहीं होती है, अब कंपनी बदलने पर पीएफ की तरह ग्रेच्युटी ट्रांसफर का भी मौका मिल सकता है. ऐसे में प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लाखों करोड़ों कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
जानें, कर्मचारी ग्रेच्युटी क्या होती है?
किसी भी कंपनी में 5 साल या उससे अधिक काम करने पर कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार हो जाता है. पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत कंपनी को अपने कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होता है लेकिन प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी इसके बारे नहीं जानते इसलिए भुगतान प्राप्त नहीं कर पाते.
कर्मचारी को ग्रेच्युटी का पेमेंट कब मिलता है?
– रिटायर होने वाले कर्मचारी को.
– एक ही कंपनी में न्यूनतम 5 साल या उससे अधिक समय तक कार्य करने वाला कर्मचारी यदि नौकरी छोड़ता है या उसे जॉब से हटाया जाता है.
– बीमारी या एक्सीडेंट के कारण मौत या विकलांग होने पर.
कैसे होती है ग्रेच्युटी कैलकुलेट?
अगर किसी व्यक्ति ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया है. उसकी अंतिम सैलरी 75000 रुपये (बेसिक और डीए) मिलाकर है. यहां महीने में 26 दिन को गिना जाता है, क्योंकि 4 दिन अवकाश रहता है. वहीं एक वर्ष में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी कैलकुलेशन किया जाता है. कुल ग्रेच्युटी का पैसा – 75000 रुपए x (15/16) x 20 = 865385 रुपये.