फ्रांस से भारत तक बिना रुके तीन और राफेल पहुंचे, हवा में ही भरा गया ईंधन; 14 हुई फाइटर जेट्स की संख्या इसे दो वायुसेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों में एक और मील का पत्थर बताया.
विमानों से भारत की हवाई ताकत और बढ़ेगी- एयरफोर्स
वायु सेना ने उस स्थान का खुलासा नहीं किया है जहां राफेल विमान पहुंचे हैं. इससे पहले फ्रांस में भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर बताया था कि फ्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमानों ने भारत के लिए उड़ान भरी और ये विमान रास्ते में कहीं भी नहीं रुकेंगे. उसने कहा कि इन विमानों से भारत की हवाई ताकत और बढ़ेगी
इसी के साथ भारतीय बेड़े में राफेल विमानों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है. पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचा था. इससे करीब चार साल पहले फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया गया था. इन विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. मिली जानकारी के अनुसार ये तीनों नए राफेल अंबाला में तैनात होंगे. जबकि अगले कुछ हफ्तों में सात और नए राफेल आएंगे.
राफेल की खूबियां
राफेल चौथी पीढ़ी का फाइटर जेट है. ये कई रोल निभाने में सक्षम कॉम्बैट फाइटर जेट है. ग्राउंड सपोर्ट, डेप्थ स्ट्राइक और एंटी शिप अटैक में सक्षम है. इसकी ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ये छोटे न्यूक्लियर हथियारों को ले जाने में सक्षम हैं.
राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है. ये अधिकतम 24500 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है. इस फाइटर जेट की अधिकतम रफ्तार 1389 किमी/घंटा है. एक बार में ये जेट 3700 किमी तक का सफर तय कर सकता है. ये हवा से हवा और जमीन दोनों पर हमला करने वाली मिसाइलों से लैस है.
राफेल में एक कंप्यूटर कमांड सिस्टम भी है जो पायलट्स की मदद करता है. इसमें ताकतवर एम88 इंजन लगा हुआ जो इसे फुर्तीला बनाता है.
तीन राफेल विमानों का दूसरा जत्था तीन नवंबर को भारत पहुंचा था जबकि 27 जनवरी 2021 को तीन और विमान वायुसेना को मिले थे. भारत को अगले कुछ महीनों में फ्रांस से और राफेल विमान मिल सकते हैं.