भारत के सुनील कुमार ने मंगलवार से यहां शुरू हुई एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के पहले दिन ग्रीको रोमन (Greco-Roman) के फाइनल में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया. सुनील ग्रीको रोमन में गोल्ड जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. रोम रैंकिंग सीरीज के रजत पदक विजेता सुनील ने फाइनल में किर्गिस्तान के अजत सलीदिनोचव को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से करारी शिकस्त देकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. सुनील को 2019 में फाइनल में हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. लेकिन इस बार वह अपने पदक का रंग बदलने में कामयाब रहे.
सुनील ने इसके साथ ही ग्रीको रोमन में स्वर्ण पदक जीतने के भारत के 27 साल के सूखे को समाप्त कर दिया है. सुनील से पहले पप्पू यादव ने ग्रीको रोमन में स्वर्ण पदक जीते थे.
सेमीफाइनल में कजाकिस्तान को हराया
सुनील ने इससे पहले, क्वार्टर फाइनल में जापान के ताकाहिरो सुरुदा को 8-2 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था. सेमीफाइनल में उन्होंने कजाकिस्तान के अजमत कुस्ताबायेव को 12-8 से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी.
तकनीक पर काफी मेहनत की
स्वर्ण पदक विजेता सुनील ने कहा, “भारत के लिए आज पहला स्वर्ण पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं. मैंने अपनी तकनीक पर काफी मेहनत की थी. अब मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा है कि मैंने पिछले साल फाइनल के प्रदर्शन की तुलना में इस बार बेहतर प्रदर्शन किया है.”
इनको करना पड़ा हार का सामना
सुनील के ऐतिहासिक स्वर्ण से पहले, अर्जुन हालाकुर्की (55 किग्रा) ने कांस्य पदक मुकाबले में कोरिया के डोंगयेओक को 7-4 से हराकर कांस्य पदक जीता. हालांकि मेहर सिंह को 130 किग्रा कांस्य पदक मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा.
2-3 से मात खानी पड़ी
मेहर को कांस्य पदक मुकाबले में किर्गिस्तान के रोमन किम के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से मात खानी पड़ी.
दिन के पहले क्वालीफिकेशन मुकाबले में साजन को किर्गिस्तान के पहलवान रेनत इलियाजुलु से 6-9 से हार का सामना करना पड़ा. सचिन राणा (63 किग्रा) ने अंतिम-16 में कजाकिस्तान के टायनर शारशेनबेकोव को 6-0 से हराया. लेकिन अंतिम-8 में उन्हें इल्मुरत तस्मुरादोव से 0-8 से हार का सामना करना पड़ा.
राणा के प्रतिद्वंद्वी के फाइनल में पहुंचने के कारण उन्हें रेपचेज में उतरने का मौका मिल गया. लेकिन उन्हें रेपचेज में भी कजाकिस्तान के येरनुर फिदाखमेटोव से 3-6 से मात खानी पड़ी.