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छत्तीसगढ़ : धान पर बवाल, भाजपा बोली, 100 सोसायटियों में नहीं शुरू हुई खरीद…

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छत्तीसगढ़ में धान खरीद को लेकर एक बार फिर बवाल शुरू हो गया है। अब भाजपा ने सरकार पर निशाना साधाते हुए 100 से अधिक सोसायटियों में धान खरीद नहीं होने का मुद्दा उठाया है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को एकात्म परिसर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि जिस तरह किसानों ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाया था, ठीक इसी तरह उनकी वादाखिलाफी के कारण नगरीय निकाय चुनाव में भी सबक सिखाएं। बृजमोहन ने सरकार से इस वर्ष एक करोड़ टन धान खरीदने और किसानों की कर्ज वसूली पर रोक की मांग की।

अग्रवाल ने कहा कि किसानों से इस वर्ष की कर्ज वसूली नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि यह कर्ज 31 मार्च तक ब्याज मुक्त है। दिसंबर के सात दिन गुजर गए, किसानों के खातों में पैसे नहीं आ रहे। वे साहूकारों से कर्ज लेने मजबूर हैं। फिर अभी उन्हें रबी फसल भी बोना है। 2016 में भूपेश बघेल जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब ट्वीट किए थे कि भाजपा सरकार धान खरीद 15 नवंबर के बजाय एक नवंबर से करे।

सत्ता में आते ही वे अपनी बात भूल गए। अभी की स्थिति में किसान भयभीत हैं, सशंकित हैं। पहले किसानों से पांच बार धान खरीदा जाता था। तब किसान 400 क्विंटल तक धान बेच लेता था। सरकार अब केवल तीन बार धान ले रही है। यानी किसान 240 क्विटंल धान ही बेच पाएगा। सरकार कहती है कि 85 लाख टन धान खरीदेंगे। मुझे लगता है लक्ष्य को कम कर 60 लाख टन खरीदना चाहती है।

बाहर का धान रायपुर-भाटापारा कैसे पहुंचा

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बाहर का धान छत्तीसगढ़ में आकर बिकने की बात कांग्रेस जो करती रही थी, उसमें कोई दम नहीं। क्या रायपुर या भाटापारा में बाहर से आकर धान बिक सकता है। उल्टे कांग्रेस की सरकार किसानों से कह रही है कि अपने धान का रकबा कम करें। धान खरीदी एक महीना विलंब होने से किसान परेशान हैं। केंद्रों में धान जाम हो रहा है, हफ्ते भर बाद किसानों को टोकन मिल रहा। धान खरीद केंद्र में बारदाना की कमी है।