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UN में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा अगर पाकिस्‍तान ने किया कश्‍मीर का जिक्र तो…

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 यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में भारत के स्‍थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एक बार फिर कश्‍मीर मसले पर पाकिस्‍तान को लताड़ा है। अकबरुद्दीन ने पाक को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कश्‍मीर मसले का जिक्र यूएन में हुआ तो फिर वह और नीचे गिर जाएगा। 27 सितंबर को यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम इमरान खान का संबोधन है। इमरान पहले ही कह चुके हैं कि वह इस मंच पर कश्‍मीर का मसला जरूर उठाएंगे। अकबरुद्दीन ने आगाह करते हुए कहा है कि इस्‍लामाबाद इस मंच से जैसे आतंकवाद का सामान्‍यीकरण करता आया है, उसी तरह से इस बार वह हेट स्‍पीच को मुख्‍यधारा में लाने की कोशिश कर सकता है।

अपना ही स्‍तर गिराएगा पाकिस्‍तान

गुरुवार को हुई एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अकबरुद्दीन मीडिया से मुखातिब थे। यहां पर उनसे सवाल पूछा गया था क्‍या उन्‍हें कितनी उम्‍मीद है कश्‍मीर मुद्दे पर उंगा सत्र के जिक्र में हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो फिर भारत इसका सामना कैसे करेगा? इस पर अकबरुद्दीन ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्‍होंने कहा, ‘आप जो मुझसे कह रहे हैं, वह इससे कहीं ज्‍यादा होगा, खासकर एक देश की तरफ से तो बहुत ज्‍यादा होगा। अगर ऐसा है तो हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? यह हर देश पर निर्भर करता है कि वह वैश्विक मंच पर किस रूप में पहुंचना चाहता है। कुछ ऐसे होंगे जो अपना स्तर गिराएंगे। उनके प्रति हमारी प्रतिक्रिया होगी कि हम और ऊंचे उठेंगे। वह नीचे गिरेंगे लेकिन हमारा स्तर तो ऊपर उठेगा।’ पीएम मोदी साल 2014 के बाद दूसरी बार उंगा सत्र को संबोधित करेंगे। इस वर्ष उंगा का यह 74 वां सत्र है। अकबरुद्दीन ने इस दौरान पीएम मोदी के संबोधन की खास बातों और उनकी प्राथमिकताओं का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की बहुपक्षीय और द्विपक्षीय व्यस्तताओं और मीटिंग्‍स के ढेर सारे उदाहरण इस बात को बताते हैं कि भारत का कद कितना ऊंचा होगा।

ज्‍यादा समय तक नहीं टिकता जहर

उन्होंने इसके साथ ही एक बार फिर से पाकिस्‍तान पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा, ‘वे जो करना चाहते हैं, वह उनकी इच्छा है। हमने उन्हें अतीत में आतंकवाद को मुख्यधारा में लाने की कोशिश करते हुए देखा है। और अब जो आप मुझे बता रहे हैं, वह यह है कि वे नफरत फैलाने वाले भाषण को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं। वे ऐसा करना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है। वह जो जहर उगल रहे हैं, यह बहुत लंबे समय तक काम नहीं करने वाला है।’ पांच अगस्त को भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पाकिस्तान ने इसके बाद भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया।