छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों पर सरकार का कहर टूटा है. यही वजह है कि साढ़े 5 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारी कांग्रेस के 9 महीने के शासनकाल में बाहर किए जा चुके हैं. जबकि विपक्ष में रहते कांग्रेस ने ही अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. प्रदेश में 1 लाख 80 हजार के करीब अनियमित कर्मचारी हैं, जो नाराज होकर बीते साल लंबा आंदोलन करके पिछली सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर दिए थे. उस आंदोलन के समय ही कांग्रेस ने इनसे वादा किया था कि सरकार बनने पर सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा.
विपक्ष में रहने के दौरान कांग्रेस ने किसी भी कर्मचारी को बाहर नहीं करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनते ही कांग्रेस शायद अपने किए वादे भूल चुकी है. यही वजह है कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 9 महीने में ही करीब दर्जनभर विभागों के 5 हजार 527 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. कई विभागों में उनकी जगह पर दूसरी भर्तियां की जा रही हैं, जिसे लेकर अनियमित कर्मचारियों में भारी आक्रोश है.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
प्रदेश के कर्मचारी नेता सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं. बता दें कि मर्कफेड से 516 कर्मचारी, कम्प्यूटर के 1975 शिक्षक, स्कूल शिक्षा विभाग के 653 कर्मचारी, सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग के 31 कर्मचारी निकाले जा चुके हैं. इसके अलावा अन्य विभागों से भी कर्मचारियों को निकाला गया है. तृतीय वर्ग कर्मचारी विजया चन्द्राकर का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों से किए वायदे को पूरा नहीं किया है. कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को बाहर किया गया है. वहीं मंत्री रविन्द्र चौबे प्लेसमेंट के कर्मचारियों को बाहर किए जाने की दलील दे रहे हैं.