जिले के सबसे बड़े बांध खूंटाघाट में तेजी से जलभराव हो रहा है। सोमवार शाम को जलस्तर बढ़कर 94 प्रतिशत तक पहुंच गया है। पानी की आवक ज्यादा होने से उम्मीद की जा रही है कि बांध एक से दो दिन में छलक जाएगा। इसे खेती और पर्यटन के लिहाज से शुभ संकेत माना जा रहा है।
शुरुआत में कम बारिश होने से जिले के सभी बांधों में बहुत कम पानी था। इससे सिंचाई के लिए किसानों को पानी मिलने पर ही संदेह जताया जा रहा था। पिछले 15 दिनों में स्थिति अब बदल गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण खूंटाघाट बांध अब पूरी तरह भरने के कगार पर है। बांध का वेस्ट वियर से गिरने वाला पानी झरने की तरह दिखता है। इसके कारण पर्यटकों को भी बांध के छलकने का इंतजार है।
जिस तरह से पानी की आवक है उससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही लोगों की इच्छा पूरी हो जाएगी। इधर खेती के लिए भी यह शुभ संकेत है। बांध भरा होने पर फसल पकने के समय विभाग किसानों को उनकी मांग के अनुसार पर्याप्त पानी दे सकता है। आमतौर पर नहर के अंतिम छोर टेल एरिया जहां पानी नहीं जाता था वहां के किसानों को भी पानी मिल जाएगा।
खूंटाघाट बांध के अलावा कोटा के घोंघा जलाशय में भी जलस्तर 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है। घोंघा छोटा बांध है। यहां अच्छी बारिश हुई तो एक दिन में यह पूरी तरह से भर जाएगा। खूंटाघाट बांध के पूरा भरने से किसान भी खुश हैं। इस बार खेतों को फसल लगने तुरंत बाद भी बांध से पानी दिया गया था। इसके बाद भी यह 100 प्रतिशत भरने के करीब है। पिछले साल भी इसी समय बांध पूरा भरा था।
खूंटाघाट बांध में पिछले एक सप्ताह से पानी की आवक बढ़ी है। इसके कारण जलस्तर बढ़कर 94 प्रतिशत तक पहुंच गया है। यह स्थिति तब है जब हम किसानों को एक बार सिंचाई के लिए पानी दे चुके हैं। उम्मीद है कि जल्द ही बांध का ओवरफ्लो शुरू हो जाएगा। फिलहाल किसानों से भी पानी छोड़ने की मांग नहीं है। ऐसे में पूरा पानी भविष्य के लिए बचाकर रखा जाएगा।
आरपी शुक्ला कार्यपालन अभियंता, खारंग डिवीजन