मौजूदा आर्थिक हालातों को देखते हुए कांग्रेस लगातार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर जबरदस्त हमला बोल रही है। कांग्रेस शुक्रवार को कहा कि इस वित्तीय आपदा से बचने के लिए एनडीए को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। पार्टी का कहना था कि, सरकार को अगली आर्थिक आपदा से बचने के लिए अन्य विपक्षी पार्टियों से भी सलाह लेनी चाहिए। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूदा आर्थिक मंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि, वित्तीय संकट से चिंतित कार निर्माता कंपनी मारुति ने लगातार सातवें महीने में अपना उत्पादन बंद करने का फैसला किया है। ट्वीट में आगे कहा गया है कि अवैज्ञानिक आर्थिक नीतियों द्वारा पैदा की गई वित्तीय कठिनाई ने लोगों की क्रय शक्ति को दिन प्रतिदिन कम किया है। पार्टी ने जीएसटी की गब्बर सिंह टैक्स पुकारते हुए कहा कि, आर्थिक नीतियों ने देश की वित्तीय प्रणाली को रसातल में पहुंचा दिया है।
कांग्रेस का यह बयान वित्त मंत्रालय द्वारा जीडीपी वृद्धि में 5 प्रतिशत तक की गिरावट के बाद आया है। इस मुद्दे पर बोलते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश में आर्थिक मंदी के लिए उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए नरेंद्र मोदी सरकार की खिंचाई की थी। भारत में तेज गति से बढ़ने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार द्वारा चौतरफा कुप्रबंधन के चलते मंदी देखने को मिल रही है। पिछले महीने, कांग्रेस ने केंद्र से देश में वित्तीय आपातकाल घोषित करने के लिए कहा था।
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, “कांग्रेस ने चार जून, 2019 को सरकार से अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया था। मगर भाजपा ने इस अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया। आज गिरता हुआ व्यापार, डूबती और असहाय अर्थव्यवस्था इस देश की सच्चाई है। कांग्रेस नेता ने कहा कि व्यवसाय बंद हो रहे हैं, अर्थव्यवस्था असहाय है और बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन भाजपा रामायण में रावण के भाई कुंभकर्ण की तरह गहरी नींद में है।
आरबीआई ने हाल ही में केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये लाभांश और अधिशेष भंडार में हस्तांतरित किए थे और कहा था कि यह आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। कांग्रेस ने केंद्र से अर्थव्यवस्था पर एक सप्ताह के भीतर श्वेत पत्र जारी करने को भी कहा था।