जिले के विकासखण्ड मरवाही की आदिवासी महिलाओं द्वारा निर्मित लाख की चूड़ियां अब मुख्यमंत्री निवास में भी सजेंगी और यहां आने जाने वाले लोगों को आकर्षित करेंगी। इन चूड़ियों की बिक्री से उनकी आय भी होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीएफओ मरवाही वनमंडल को निर्देश दिया है कि उनके निवास स्थल पर इन लाख की चूड़ियों का स्टाल लगाया जाये।
मरवाही की देवसेना समूह की महिलाओं द्वारा लाख की चूड़ियों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिये समूह की महिलाओं ने मरवाही वनमंडल के ईएसआईपी परियोजना अंतर्गत बकायदा प्रशिक्षण भी लिया है।
ग्राम बरगवां की रेणु, सियावती, जयकुमारी, दानीकुंडी की नीता बाई कोरवा, केशकली श्याम, कृष्णकुमारी पाव, सियावती आदि महिलायें लाख चूड़ी निर्माण में निपुण हैं। हरेली त्यौहार के अवसर पर मुख्यमंत्री जब ग्राम नेवरा के गौठान लोकार्पण कार्यक्रम में आये थे। तब उन्होंने इन महिलाओं की कला देखी और उसकी सराहना भी की। बिलासपुर कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग के पहल पर स्थानीय मैग्नेटो माॅल में समूह को स्टाॅल उपलब्ध कराया गया है। जहां वे अपनी चूड़ियों की बिक्री कर सकेगी।
उल्लेखनीय है कि मरवाही क्षेत्र में रंगीन लाख बहुतायत से होता है। व्यापारियों द्वारा इसे सस्ते में खरीदकर मंहगे दामों में बाहर बेचा जाता है। क्षेत्र में पहली बार लाख का मूल्य वर्धित कर इसे लघु व्यवसाय के रूप में देवसेना समूह की महिलाओं ने स्थापित किया है।
महिलाएं 10 मिनट में बिना नग वाले लाख की चूड़ी सेट और डेढ़ घंटे में नग वाली चूड़ी सेट तैयार कर लेती हैं। चूड़ी बनाने के लिये लाख अभी व्यापारी से खरीदना पड़ता है। लेकिन इनकी योजना है कि वे खुद ही गांव के लोगों से लाख खरीदेंगी और उसकी प्रोसेसिंग भी करेंगी। जिससे उन्हें ज्यादा फायदा मिलेगा और बिचौलियों से भी मुक्ति मिलेगी।