अगर हौसले बुंलद हो तो कोई भी मुश्किलात मायने नही रखती. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी की एक बेटी ने कुछ ऐसा ही करिश्मा कर दिखाया कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे. 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली 12 वर्षीय बच्ची, जिसे खुद तैरना (Swimming) नहीं आता लेकिन बहादूरी दिखाते हुए उसने तालाब (Pond) में कूदकर दो डूबती हुई बच्चियों की जान बचा ली. बहादुर बच्ची के इस हौसले पर परिवार सहित पूरे गांव वालो को अब फक्र है. धमतरी (Dhamtari) की बेटी भामेश्वरी निर्मलकर ने अपनी अद्भुत साहस और सूझबूझ का परिचय दिया, जो तालाब में डूब रही दो मासूम बच्चियों की जान बचा ली. दरअसल ये पूरा वाक्या धमतरी (Dhamtari) जिले के कानीडबरी गांव का है, जहां सोनम नेताम और चांदनी साहू नाम के दो मासूम बच्ची स्कूल में छुट्टी होने के बाद गांव के तालाब में नहाने गई थी. जो खेलते खेलते तालाब के गहरे पानी उतर गई. बच्ची को डूबता देखकर बहादूर बच्ची भामेश्वरी निर्मलकर बिना देर किये फौरन पानी में कूदकर कड़ी मशक्कत के बाद सोनम और चांदनी को बचा लिया. भामेश्वरी ने किसी तरह बाहर खींचकर निकाल लिया. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त तालाब में और कोई नहीं था. फिर भी बच्ची ने जज्बा दिखाते हुए मासूमों की जान बचाई.
सभी ने की ये तारीफ भामेश्वरी निर्मलकर ने बताया कि जब उसने बच्चियों को डूबते देखा तो कुछ और नहीं सूझा. उसने बिना कुछ सोचे तालाब में कूदकर उनकी जान बचाने की कोशिश की, जिसमें सफलता मिली. धमतरी के कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि बच्ची के जज्बे की वजह से मासूमों की जान बच गई, लेकिन बच्चों के पालकों को सतर्क रहना चाहिए. छोटे बच्चों पर नजर बनाए रखना चाहिए ताकि कोई दुर्घटना न सके. ग्रामीणों का कहना है कि भामेश्वरी किसी फरिश्ता से कम नहीं है. ग्रामीण प्रशासन से बहादुर बच्ची को सम्मानित करने की मांग भी कर रहे हैं.