Home अंतराष्ट्रीय स्विस बैंक ने काला धन रखने वाले 15 भारतीयों के नाम किए...

स्विस बैंक ने काला धन रखने वाले 15 भारतीयों के नाम किए जारी,देखें पूरी लिस्ट

167
0

यूबीएस (पूरा नाम, UBS AG) विश्व की एक प्रमुख वितीय कम्पनी है जो भारत में “स्विस बैंक” के नाम से विख्यात है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैण्ड के जूरिक और बसेल में है। यह संसार की व्यक्तिगत सम्पदा के प्रबन्धन की सबसे बड़ी कम्पनी है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि विश्व के बड़े-बड़े भ्रष्ट राजनेता और टैक्स-चोर इस बैंक में अपना धन जमा करते हैं। यूबीएस “यूनिअन बैंक ऑफ स्विट्जरलैण्ड” का संक्षिप्त रूप है जो कि इसकी पूर्व-संस्था का नाम है। सन् 1998 में इसका विलय स्विस बैंक कारपोरेशन में हो जाने के बाद अब यह नाम सार्थक नहीं रहा।
स्विट्ज़र‌लैंड‌ ने स्विस बैंक में काला धन रखने वाले भारतीय खातेधारकों के खिलाफ करवाई करते हुए सूचनाएं सांझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी सिलसिले में स्विट्ज़र‌लैंड‌ सरकार ने पोतलूरी राजा मोहन राव का नाम जारी किया है।
इससे पहले स्विट्ज़र‌लैंड‌ सरकार ने पिछले महीने 14 काला धन रखने वाले भारतियों के नाम की लिस्ट जारी की थी। नियम के तहत इस तरह का नोटिस उन्हें उनके खाते के बारे में सरकार को जानकारी देने के खिलाफ अपील करने का एक अंतिम मौका देने के लिए जारी किये जाते हैं।
स्विट्ज़र‌लैंड‌ के अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में इस तरह के और नोटिस जारी किए जा सकते हैं। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने स्विस बैंकों में संदिग्ध काला धन रखने वाले भारतीयों की जानकारी स्विट्ज़र‌लैंड‌ सरकार से मांगी है। ‘पोतलूरी राजा मोहन राव’ को यह नोटिस 28 मई को जारी किया था और अपील करने का समय 10 दिन दिया गया। आपको बता दें, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम भी इस लिस्ट आ चूका है।
स्विट्ज़र‌लैंड‌ के संघीय टैक्स विभाग के नोटिस में राव के बारे में जानकारी जन्म दिन 15 जुलाई 1951 और नाम पता के अलावा अन्य जानकारी नही दी है।हालांकि अधिकारियों के अनुसार राव दक्षिण भारत में कई तरह के कारोबार में शामिल स्विट्ज़र‌लैंड‌ उसके बैंकों के खातेधारकों की गोपनीयता बनाए रखने के लिए जाना जाता है। लेकिन टैक्स चोरी के मामले में अब विश्व स्तरीय समझौते के बाद अब ऐसा नही है।
खातेधारकों की सूचनाओं को साझा करने के लिए स्विट्ज़र‌लैंड‌ सरकार का भारत सरकार के साथ समझौता हुआ है। राव से पहले जिन 14 भारतियों के नाम स्विट्ज़र‌लैंड‌ सरकार ने नोटिस जारी किया था उनमें से दो का पूरा नाम बताया था। जोकि 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितम्बर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं। हालांकि इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नही किया गया है।
अन्य नामों के बारे में सिर्फ नाम के पहले अक्षर और जन्म की तारीख का खुलासा किया गया है। जोकि इस प्रकार है। एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुई श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं।