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पूजा-अर्चना कर दूर करें काल सर्प दोष, सावन के तीसरे सोमवार को नाग पंचमी..

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सावन माह के तीसरे सोमवार को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन शिव भक्त भोले बाबा के साथ साथ नागों की भी पूजा अर्चना करेंगे। इससे न केवल काल सर्प दोष दूर होगा, बल्कि पुण्य लाभ भी मिलेगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस दिन विधि विधान से की गई पूजा से काल सर्प दोष दूर होता है। ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि सावन माह की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह तिथि नागों को आनन्द प्रदान करती है। भगवान शिव भी वासुकी नाग को अपने कंठ में धारण करते हैं।

नाग पंचमी के दिन सुबह नाग देवता का स्मरण करके नाग देवता को या फिर मूर्ति को दूध से स्नान कराए। दुग्ध अर्पित करने का विशेष महत्व है। नाग के प्रतीक के रूप में चांदी अथवा तांबे की सर्प प्रतिमा की पूजा कर सकते हैं। सफेद धागे में सात गांठे लगाकर उसे नाग का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है।

सेपेरे से जोड़ा मुक्त कराने पर मिलता है पुण्य लाभ राजस्थान और उत्तर प्रदेश में घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर गोवर या कोयले से नाग की मूर्ति बनाकर उसकी दूध, दही, खीर से नाग देवता की पूजा की जाती है। पूजा करने से नाग देवता की अनुकंपा बनी रहती है। 

कभी कभी जन्मपत्री में कालसर्प दोष का प्रभाव होता है, जिससे जीवन में संघर्षमय स्थित बनी रहती है। उन्हें भी नाग पंचमी के लिए कालसर्प योग की शांति करनी चाहिए। सेपेरे से शाम के समय जोड़ा लेकर मुक्त कराने से भी सर्पमय एवं कालसर्प दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।