- प्रदेश के सभी 168 नगरीय निकायों में जन सामान्य एवं बेरोजगार स्थानीय नवयुवक एवं नवयुवतियों को आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए ‘पौनी पसारी‘ योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत सभी नगरीय निकायों में परम्परागत व्यवसाय जैसे-लोहारी, कुम्हारी, कोष्टा, बंसोड़ आदि के लिए चबूतरा एवं शेड निर्माण कर, उन्हें अस्थायी रूप से किराये पर उपलब्ध कराते हुए व्यवसाय करने की सुविधा दी जाएगी। योजना में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत शेड सुरक्षित रहेगा। योजना पर दो साल में 73 करोड़ रूपए की राशि व्यय होगी और करीब 12 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
- संचार क्रांति योजना (स्काई) की समीक्षा की गई। राज्य में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 14,202 टाॅवर लगाए जाने थे, लेकिन इतनी संख्या में टाॅवर नहीं लगाकर केवल 1638 टाॅवर लगाए गए। बैठक में कम्पनी को पूर्व अनुबंध के अनुसार मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में (विशेषकर बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्र में) शेष टाॅवर लगाने हेतु निर्देशित किए जाने का निर्णय लिया गया।
- सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम-2012 में संशोधन पर चर्चा की गई और पात्रता बढ़ाने संबंधी निर्णय लिया गया।
- खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए धान उठाव हेतु लोडिंग एवं अनलोडिंग पर वर्तमान में 13 रूपए 50 पैसे का व्यय होता है। लेकिन इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा केवल 6 रूपए 49 पैसे की राशि दी जाती है। पूरी राशि देने के लिए केन्द्र से मांग प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
- कुछ समय पहले विधायक निधि की राशि एक करोड़ रूपए से बढ़ाकर दो करोड़ रूपए की गई थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि विधायक निधि के इस दो करोड़ रूपए की राशि में से 1.50 करोड़ रूपए तक की राशि संबंधित विधायक की अनुशंसा पर स्वीकृत की जाएगी तथा शेष 50 लाख रूपए की राशि जिले के प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर स्वीकृत की जाएगी।
- मंत्री परिषद द्वारा विधानसभा सत्र में प्रस्तुत होने वाले अनुपूरक बजट का अनुमोदन किया गया।