प्रदेश में स्थानांतरण का सीजन शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। जिला स्तर पर 28 जून से 12 जुलाई तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे। कर्मचारी यूनियनों के नेताअों के भी स्थानांतरण सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों के अनुसार होंगे। 30 जुलाई तक पदभार ग्रहण नहीं करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में दिसंबर में कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहली बार राज्य संवर्ग के तबादले हो रहे हैं। नई तबादला नीति में स्पष्ट किया गया है कि शहर अौर गांवों में पदों को खाली और भरे पदों में सामंजस्य रखा जाएगा। जहां पहले से अधिक कर्मचारी हैं, वहां स्थानांतरण नहीं किए जाएंगे। दिव्यांग कर्मचारियों की पदस्थापना के वक्त आवागमन की सुविधा का ध्यान रखा जाएगा। जो कर्मचारी सालभर में रिटायर होने वाले हैं, उन्हें उनके विकल्प पर गृह जिले में भेजा जा सकता है।
आदिवासी जिले प्राथमिकता में: नई स्थानांतरण नीति में तय किया गया है कि राज्य के दस जिलों बस्तर, कोंडागांव, बीजापुर, राजनांदगांव, कांकेर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोरबा और महासमुंद में सरकारी योजनाअों के अनुरूप तबादले होंगे। ताकि काम प्रभावित न हों। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर होगी।
संशोधन समन्वय में जाएंगे : किसी भी तबादला आदेश में संशोधन या निरस्त करना हो तो ऐसे प्रस्ताव समन्वय में प्रस्तुत किए जाएंगे। समन्वय में अनुमोदन के बाद ही इसमें सुधार या निरस्तीकरण का फैसला होगा।
ये तबादले सालभर होंगे
{प्रतिनियुक्ति से वापस आने पर विभाग के अधीन की जाने वाली पदस्थापना। यदि उससे कोई अन्य कर्मचारी प्रभावित न होता हो।
{किसी विभाग के कर्मचारी (फर्स्ट क्लास को छोड़कर) की सेवाओं को अन्य विभाग या संस्था में प्रतिनियुक्ति पर या डिप्लायमेंट पर सौंपा जाना, यदि दोनों महकमें सहमत हों।
{पीएससी से या चयन समिति से चयनित नई नियुक्तियां और उम्मीदवारों को रिक्त पदों पर भेजना।
{न्यायालय के निर्देश के पालन में स्थानांतरण कर पदस्थापना करना। यदि कोई कर्मचारी प्रभावित न होता हो।
{पदोन्नति से पदस्थापना यदि कोई कर्मचारी प्रभावित न होता हो।
गांवों से शहरों में नहीं होंगे शिक्षकों के स्थानांतरण
तबादला नीति के मुताबिक शिक्षकों का तबादला शाला विशेष में तभी किया जाएगा जब वहां की शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित न हो। इसका आशय यह है कि शिक्षकवार विद्यार्थियों और विषयवार शिक्षकों के मंजूर पदों की संख्या और कार्यरत विषयवार शिक्षकों से है। किसी भी स्थिति में गांवों से शहरों में ट्रांसफर मांगने वालों को प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा। 12 जुलाई के बाद जिला स्तर पर स्थानांतरण नहीं होंगे।
पंद्रह दिन के भीतर कर सकते हैं अपील
तबादला नीति का पालन करने का जिम्मा सचिवों और जिलों में कलेक्टरों का होगा। यदि कोई कर्मचारी तबादले से सहमत नहीं है तो वह 15 दिन के अंदर अपील कर सकेगा। दो प्रतियों के साथ अपील अावेदन सचिवों की समिति को पेश करना होगा। केस की जांच के बाद समिति संबंधित विभाग को अनुशंसा करेगी। फिर विभाग का दायित्व होगा कि वह यथोचित आदेश जारी करे।
राज्य स्तर पर 15 जुलाई से 14 अगस्त तक बदली
प्रदेश स्तर पर 15 जुलाई से 14 अगस्त तक विभाग के मंत्री के अनुमोदन से बदली हो सकेगी। ये प्रस्ताव सचिव के जरिए मंत्री को प्रस्तुत किए जाएंगे। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में रिक्तियों को बैलेंस रखा जाएगा। अनुसूचित क्षेत्र से गैर अनुसूचित क्षेत्र में ट्रांसफर में एवजीदार के पहुंचते ही रिलीव किया जाए, यह ध्यान रखा जाएगा। प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण 15 फीसदी, तृतीय श्रेणी में 10 और चतुर्थ श्रेणी में 10 फीसदी तक ही तबादले होंगे। खास बात यह कि परस्पर सहमति या स्वयं के व्यय पर होने वाले तबादले इसमें काउंट नहीं होंगे।