नशे का चलन कई सालों ही नही बल्कि पीढ़ियों पुराना है । कहा जाता है न की नशे ने तो राजाओं का राज पाट तक बिकवा दिये थे । हाँ नशा करना शुरू से ही काफी गलत माना जाता है । नशे के कारण व्यक्ति सब कुछ खो देता है । घर परिवार क्या वह तो खुद के जीवन और खुद के जीवन के मूल्यों को तक खो बैठता है । आज यह जैसे लोगों के लिए फैशन सा ही बन चुका है । पर आखिर इसका कारण क्या है की यह नशा हिलोगों का साथ बन रहा है ।
नशे की लत का कारण हम खुद हैं । दरअसल आज के समय में बचपन से ही बच्चा अकेलेपन को झेलता आ रहा होता है । उसको प्यार के नाम पर यदि कुछ मिलता है तो पैसे । वह यह कभी नही जान पाते हैं की बाप के कंधे पर बैठ कए दुनिया को देखने का क्या मजा होता है और माँ के आँचल से आँसू को पोचने के बाद उसके हाथ का खिलाया हुआ 2 निवाला भी सारी दुनिया की खुसी समेत ले आता है सारे दर्द को कम कर देता है ।
आज कल के माँ बाप और बच्चे बस पैसों के बीच ही अपने रिश्तों को सँजो कर जी रहे हैं , वह भी करें तो करें क्या ? और यही ही व्यस्तता बड़े होते होते बच्चों के अंदर एक अजीब सा खाली पन भर देती है । वह घर से ज्यादा बाहर की दुनिया में अपनी खुशी ढूँढने तो लगते हैं पर रिश्तों की सही समझ नही होने के कारण और अपरिपक्वता के चलते वह नए बने हुए रिश्तों को भी खो देते हैं और अकेलेपन को खुद पर हावी कर लेते हैं ।
यही ही अकेला पन उनके नशे की लत का सबसे बड़ा कारण बनता है । रिश्तों की ना कमी , ब्रेकअप , तलाक , दोस्तों का ना होना , खुद से निराशा ,असफलता , तनाव यही ही सब होता है जो की उनको इस ओर ले जाता है । जब भी व्यक्ति अकेलापन खुद पर हावी कर लेता है तो वह नशे को अपना शाठी मान लेता है ताकि उसको समय का जरा भी पता ना चले । इसी कारण यह सभी शहरी जीवन में ज्यादा देखने को मिल रहा है ।