छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ द्वारा लंबे समय से गंगरेल डेम में मछली पालन का ठेका दिया जा रहा था। लेकिन वर्तमान सरकार ने इस वर्ष टेंडर की प्रक्रिया आॅन लाइन प्रक्रिया कर दी। इसमें कोई भी व्यक्ति टेंडर डालकर मछली पालन कर सकता हैं। इसके विरोध में मंगलवार को मछुआ महासंघ ने मत्स्य पालन दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन कर विरोध किया। वहीं इसके बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मत्स्य पालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मिलकर ज्ञापन देकर ठेका निरस्त करने की बात की है। वहीं मछुआ महासंघ मुख्यमंत्री से भी मिलकर ज्ञापन सौंपकर ठेका निरस्त करने की मांग करेंगे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ मछुआ महासंघ ने मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया। यहां उन्होंने मछली पालन विभाग के दफ्तर में धरना प्रदर्शन कर गंगरेल डेम के टेंडर को निरस्त करने की मांग की। मछुआरों का कहना है कि उनकी जगह निजी कंपनियों को टेंडर दिया जा रहा है। इस टेंडर की वजह 700 परिवारों पर रोजी रोटी का खतरा मंडरा रहा है। मछुआ महासंघ की मांग है कि स्थानीय मछुआरों को ही काम दिया जाए। इस मांग को लेकर 52 गांव के मछुआ सहकारी समिति के मछुआरे रायपुर पहुंचे हैं।