मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने कल शाम उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने युवा अधिकारियों को सुराजी गांव योजना की थीम समझाई और उन्हें उनके जिले में क्रियान्वित की जा रही इस योजना के एक-एक प्रोजेक्ट को मॉडल बनाते हुए बढ़िया काम कराने कहा। ज्ञातव्य है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के (2018 बैच) के अधिकारियों का उन्मुखीकरण प्रशिक्षण छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में चल रहा है। मुख्यमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के विकास और संवर्धन पर विस्तार से जानकारी दी और उन्हें हमेशा फील्ड विजिट करने की समझाईश दी। फील्ड विजिट से बहुत कुछ सीखने का मौका मिलता है। नई-नई जानकारी के साथ ही समस्याओं को समझने और उनके हल खोजने में मदद मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुराजी गांव योजना से गांवों की अर्थव्यवस्था सुधरेगी। इससे खेती किसानी सुधार, रोजगार के अवसर बढने के साथ ही पर्यावरण में भी सुधार होगा। गांव के लोगों को बाड़ी से सब्जी और दुग्ध उत्पादन से कुपोषण कम करने में मदद मिलेगी। घुरवा से जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा के पुर्नजीवन के लिए साईंटिफिक तरीके से काम होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसरो द्वारा भूमि के सभी प्रकार के डाटा उपलब्ध हैं, इनका उपयोग किया जाए। नरवा पुर्नजीवन से सब स्वाईल वाटर और सरफेस वाटर संग्रहण में मदद मिलेगी। नदी का प्रवाह अधिक दिनों तक बना रहेगा और आस-पास के क्षेत्र में हेण्ड पम्प सूखने की स्थिति नहीं आएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
उल्लेखनीय है कि सुराजी गांव योजना में गांवों में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के संवर्धन और विकास के लिए गांवों में नरवा के पुर्नजीवन, गौठानों का विकास, घुरवा के माध्यम से जैविक खाद, गोबर गैस, चारागाह विकास और दुग्ध उत्पादन आदि के लिए काम किए जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रभारी मुख्य सचिव सीके खेतान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, छत्तीसगढ़ प्रशासनिक अकादमी की डीजी रेणु पिल्लई, संचालक आलोक अवस्थी, सहायक कलेक्टर अभिषेक शर्मा, अबिनाश मिश्रा, देवेश कुमार ध्रुव, संबित मिश्रा, और उत्साह चैधरी भी उपस्थित थे।