मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी से वन अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त पट्टाधारी कृषकों को भी लघु एवं सीमांत कृषकों की तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से प्रति वर्ष छह हजार रूपए के स्थान पर 12 हजार देने का अनुरोध किया है। बघेल इस मुद्दे को 15 जून को नीति आयोग की बैठक में भी उठाने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि इस योजना के हितग्राहियों में वन अधिकार अधिनियम अंतर्गत प्राप्त पट्टेधारियों को शामिल नहीं किया गया है, जो कि पट्टे की भूमि पर खेती कर रहे हैं और गरीबी रेखा के नीचे है। ऐसे कृषक योजना से लाभ प्राप्त करने के लिए प्रथम प्राथमिकता रखते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 4 लाख परिवारों को वन अधिकार पट्टे प्रदान किए गए हैं तथा अभी भी वन अधिकार पट्टा दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है।
वनवासी एवं आदिवासी समुदाय के लोगों को जीवन-यापन के परम्परागत अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू किया गया है। इस कानून से लाखों वनवासी परिवारों को पट्टा दिए जाने के बाद विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन्हें लाभान्वित करने के भी प्रावधान किए गए हैं, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके तथा वे गरीबी के चंगुल से छुटकारा प्राप्त कर सकें।