राज्य सरकार ने एक बार फिर प्रदेश के किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए उनकी ऋण माफी की घोषणा की है। इस बार सरकार डिफाल्टर हो चुके किसानों का लगभग 650 करोड़ रुपए का कर्जा बैंकों को अदा करेगी। अब ऐसे किसान भी बैंकों से कर्ज ले सकेंगे जिनके खाते लंबे समय से नानफरफार्मिंग थे। इससे पहले सरकार ने शपथ लेने के साथ ही सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों से लिए गए अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया था।
कैबिनेट की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि किसानों के नानपरफामिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से ऋण माफी का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 50 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार द्वारा देय होगी। इसमें 21 सार्वजनिक बैंको के साथ आईडीबीआई बैंक को भी शामिल किया गया है। इन बैकों में नानफारमिंग खातों में लगभग 1175 करोड़ रूपए का ऋण बकाया है। इसके लिए बैंकों से चर्चा की जा रही है।
65 लाख परिवारों को राशनकार्ड, 7 लाख नए बनेंगे
कैबिनेट में लिए गए निर्णय के मुताबिक राज्य के सभी व्यक्तियों को फूड फॉर आल स्कीम के तहत राशन कार्ड के दायरे में लाया जाएगा। इसके तहत सभी 65 लाख परिवारों का राशन कार्ड बनाया जाएगा। वर्तमान में 58 लाख परिवारों के राशन कार्ड हैं। सात लाख नए परिवारों के भी राशन कार्ड बनाए जाएंगे।
सामान्य श्रेणी को चावल 10 रुपए किलो
सामान्य श्रेणी के कार्डों को दो समूहों में विभक्त करते हुए सामान्य श्रेणी (आयकरदाता) एवं सामान्य श्रेणी (गैर आयकरदाता) का राशन कार्ड पात्रता अनुसार जारी किया जाएगा। सामान्य श्रेणी के लिए चावल 10 रूपए प्रति किलो निर्धारित किया गया हैं। नया कार्ड बनने तक पुराने कार्ड से राशन मिलता रहेगा। यदि किसी परिवार में 5 से अधिक सदस्य हैं तो उन्हें प्रति सदस्य 7-7 किलो चावल अतिरिक्त दिया जाएगा।
अब 12 तक के बच्चों को आरटीई के तहत मुफ्त शिक्षा
बैठक में शिक्षा के अधिकार के तहत पढ़ाई कर रहे बच्चों के परिजनों की भी बड़ी सौगात दी गई है। सरकार अभी तक 8वीं तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा के किताबें देती थी, लेकिन अब 12 तक के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश के लगभग एक लाख से ज्यादा बच्चे इससे लाभान्वित होंगे। इसी तरह निजी स्कूलों की फीस पर लगाम कसने के लिए फीस समिति बनाने की भी घोषणा की गई है।