आपको बता दें,कि इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पाक और खास माना जाता है। वही इस्लाम धर्म में रोजा रखने का एक अपना अलग ही महत्व होता हैं वही इस धर्म में रोजा रखने का अर्थ होता हैं खुदा की इबादत करना वही रोजा रखने के कई आध्यात्मिक लाभ और फायदे भी होते हैं।
जैसे की सही समय पर भोजन करने से रोप्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती हैं। वही रमजान के समय रोजा रखने वाले लोगो का विश्वास खुदा पर पहले से अधिक बढ़ जाता हैं। वही दिल से मांगी गई दुआ भी इस महीने कबूल हो जाती हैं। वही एक महीने तक रोजा रखन के बाद लोग ईद का खास और बड़ा त्योहार मनाते हैं। वही आज हम आपको रमजान के महीने में रोजा रखने के नियम के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं,कि वो कौन से नियम हैं।
आपको बता दें,कि रमजान के महीने में सख्त नियम का पालन किया जाता हैं आपकी एक गलती से रोजा टूट जाता हैं वही रोजा रखने के दौरान खाने के बारे में भी नहीं सोचा जा सकता हैं। पूरे दिन अपने मन को साफ पवित्र रखना बहुत ही जरूरी होता हैं।
इसके साथ ही साथ किसी की बुराई और बदनामी के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए। वही रोजा रखने वाले व्यक्ति को अपने मन को हमेशा ही साफ रखना होता हैं अगर कोई गलती से किसी के बारे में गलत सोचता हैं तो उसके रोजा का फल उसे नहीं मिल पाता हैं। वही रमजान के पाक और खास मौके पर पूरे दिनभर में पांच बार कुरान पढ़ने का नियम भी होता हैं।