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छत्तीसगढ़ : बीएड वाले भी अब पहली-दूसरी के बच्चों के गुरुजी

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 रायपुर

छत्तीसगढ़ सरकार प्राइमरी और मिडिल के बच्चों को पढ़ाने के लिए डीएड या डीएलएड के बजाय बीएड शिक्षा स्नातकों को भी नियुक्त करने पर विचार कर रही है। दरअसल देश भर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी देखते हुए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने इसके नियमों में संशोधन कर दिया है।

अब जिसने एनसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक यानी बीएड की डिग्री अर्जित की है, वे भी कक्षा एक से पांचवीं तक पढ़ाने के लिए शिक्षक नियुक्त हो सकेंगे, लेकिन शर्त यह रहेगी कि ऐसे शिक्षकों को शिक्षक नियुक्त होने के दो वर्ष के भीतर एनसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का सेतु यानी ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य होगा। एनसीटीई की गाइडलाइन पर शिक्षकों के भर्ती को लेकर विचार किया जा रहा है। यह नियम लागू होने के बाद राज्य के लाखों बीएड बेरोजगार अभ्यर्थियों को अब प्राइमरी-मिडिल की कक्षाओं में भी नौकरी हासिल करने का अवसर मिल सकेगा।

अभी यह था नियम : एनसीटीई के मापदंडों के अनुसार प्राइमरी-मिडिल की कक्षाओं के शिक्षकों को अभी तक डीएड या डीएलएड डिप्लोमाधारी होना जरूरी था। शिक्षक भर्ती परीक्षा में इसी मापदंड के अनुसार कक्षा 12वीं पास और डीएड अथवा डीएलएड डिप्लोमाधारियों को नौकरी दी जाती रही है। अब संशोधित नियमों के अनुसार बीएड वाले भी इन कक्षाओं में पढ़ा सकेंगे। बता दें कि बीएड वाले शिक्षक स्नातक की डिग्री लेने के बाद बीएड करते हैं, लेकिन एनसीटीई का मानना है कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्हें बीएड के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य है।

चुनाव के बाद होगी भर्ती : अधिकारिक सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ सरकार लोकसभा चुनाव के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया पूरी करेगी। राज्य गठन के बाद पहली बार सरकार स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने जा रही है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने विज्ञापन जारी कर रखा है। विज्ञापन के मुताबिक शिक्षकों विभिन्न प्रवर्गों में कुल 14 हजार 580 पदों पर भर्ती होनी है। इनमें रायपुर संभाग में मिडिल में 5441, प्राइमरी में 4 हजार, हाई स्कूलों में 1371 शिक्षकों की भर्ती होगी।

खासकर स्कूलों में सालों से खाली अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कृषि और फिजिकल एजुकेशन के शिक्षकों के पदों को भरा जाएगा। रायपुर संभाग के मिडिल स्कूलों में कुल 910 पद हैं। दुर्ग संभाग में 914, बिलासपुर में 1405, सरगुजा में 1168 और बस्तर संभाग में 1062 पदों पर भर्ती होगी। प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों के लिए सबसे अधिक 420 पद जगदलपुर में हैं। रायपुर के प्राइमरी स्कूलों में विज्ञान विषय में करीब 300 शिक्षकों की नियुक्ति होगी। अंग्रेजी में करीब 2000 और मिडिल स्कूलों में गणित विषय के 1500 पद भरे जाएंगे।

जो प्रशिक्षित नहीं, उनकी हो जाएगी छुट्टी : निजी व सरकारी स्कूलों से अप्रैल 2019 से अप्रशिक्षित शिक्षकों की छुट्टी हो जाएगी। सिर्फ वे ही शिक्षक पढ़ा सकेंगे, जो शिक्षा से संबंधित डिग्री या डिप्लोमा, जो कि एक शिक्षक के लिए अनिवार्य है, उत्तीर्ण कर चुके हैं या फिर नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी एनआइओएस के अंतर्गत डीएलएड में अध्ययनरत व अंतिम सेमेस्टर में हैं। जो शिक्षक या शिक्षाकर्मी 12वीं में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें हायर सेकंडरी की परीक्षा राज्य ओपन स्कूल के माध्यम से पास करनी होगा, क्योंकि एनसीटीई द्वारा डीएलएड के लिए अनिवार्य योग्यता हायर सेकंडरी में 50 फीसदी निर्धारित की गई है।

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