- डीएपी के विकल्प के बारे में किसानों को दी जा रही जानकारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को खरीफ सीजन में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के 5.52 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का भंडारण सुनिश्चित किया है। यह भंडारण प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों एवं विपणन संघ के माध्यम से किया गया है, जिससे किसानों को समय पर और सुगमता से खाद उपलब्ध हो सके।
अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक श्री के. एन. काण्डे ने बताया कि राज्य की सहकारी समितियों में अब तक 4.62 लाख टन खाद का भंडारण किया जा चुका है, जिसमें से 2.44 लाख टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में समितियों में 2.18 लाख टन खाद उपलब्ध है, जिसमें प्रमुख रूप से 92,120 टन यूरिया, 47,451 टन सुपर फास्फेट, 19,885 टन डीएपी, 32,643 टन एन.पी.के. और 25,855 टन पोटाश शामिल हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण डीएपी खाद की आपूर्ति पर असर पड़ने की आशंका को देखते हुए, राज्य सरकार ने अग्रिम तैयारी करते हुए एन.पी.के., सुपर फास्फेट और यूरिया खाद को विकल्प के रूप में उपलब्ध कराया है। सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर कृषि विभाग द्वारा किसानों को इन विकल्पों की प्रति एकड़ उपयुक्त मात्रा के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि किसान खरीफ सीजन में इसका उपयोग कर डीएपी की कमी को पूरा करते हुए बेहतर फसल उत्पादन कर सकें।
सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने विपणन संघ के सभी प्रदाय केंद्रों को निर्देशित किया है कि जून-जुलाई के दौरान कम से कम 100 टन यूरिया, 100 टन डीएपी/एन.पी.के., 100 टन सुपर फास्फेट और 50 टन पोटाश खाद का स्टॉक अनिवार्य रूप से बनाए रखें। इसी प्रकार, सभी सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 10-10 टन यूरिया, एन.पी.के./डीएपी और सुपर फास्फेट खाद का भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे खाद की निरंतर आपूर्ति बनी रहे। राज्य में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, खाद भंडारण एवं वितरण की स्थिति की दैनिक समीक्षा की जा रही है। साथ ही, निजी व्यापारियों द्वारा की जा रही खाद बिक्री की सतत निगरानी, गुणवत्ता की जांच और निर्धारित मूल्य पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए गए हैं।
सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा है कि किसानों के हितों की रक्षा और कृषि उत्पादन की निरंतरता छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। हमारा लक्ष्य है कि हर किसान को समय पर गुणवत्तायुक्त खाद उपलब्ध हो और राज्य की खेती उन्नति की दिशा में आगे बढ़े।