सचिव आबिदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दिव्यांग बच्चों को हर वो सुविधा और सुरक्षा मिलनी चाहिए जो किसी सामान्य बच्चे को प्राप्त है। दिव्यांग बच्चों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और समावेशन सभी क्षेत्रों में ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि समावेशी शिक्षा व्यवस्था को मजबूती दी जाए, विशेष शिक्षकों की नियुक्ति हो और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हांकित दिव्यांग बच्चों के लिए पुनर्वास एवं परामर्श सेवाएं सुनिश्चित की जाएं।सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को दिव्यांग अनुकूल बनाया जाए। जिला बाल संरक्षण इकाइयों को सक्रिय कर दिव्यांग बच्चों की नियमित निगरानी की जाए।
पॉक्सो एक्ट पर जागरूकता अभियान की तैयारी
बैठक में सचिव ने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए पॉक्सो एक्ट की जानकारी हर स्तर पर आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों, आश्रमों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं किशोर गृहों में पॉक्सो एक्ट की जानकारी देने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाए। शिक्षकों, देखभालकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों को पॉक्सो कानून की कार्यवाही प्रक्रिया पर प्रशिक्षण दिया जाए।सभी जिलों में नवाचार के माध्यम से बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित किया जाए। बैठक में सभी विभागों को समन्वय से कार्य करने और निर्धारित समय-सीमा में कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।