Home नई दिल्ली यमुना सफाई की स्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे प्रवेश वर्मा

यमुना सफाई की स्थिति का निरीक्षण करने पहुंचे प्रवेश वर्मा

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नई दिल्ली। दिल्ली की नई सरकार यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए प्रयासरत है. भाजपा सरकार ने इस दिशा में एक कार्य योजना तैयार की है, जिस पर कार्य प्रारंभ हो चुका है. इसी क्रम में दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को सफाई की स्थिति का निरीक्षण किया. उन्होंने यमुना सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक सफाई की प्रक्रिया का अवलोकन किया. इस संबंध में उन्होंने ट्विटर पर जानकारी साझा की, जिसमें वे अधिकारियों से सफाई के मुद्दे पर प्रश्न पूछते हुए दिखाई दिए. सरकार ने यमुना को तीन वर्षों में साफ करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
PM मोदी की मंजूरी का इंतजार
केंद्र सरकार ने ‘यमुना मास्टर प्लान’ का निर्माण किया है, जिसे शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा, ताकि दिल्ली में नदी की सफाई मिशन मोड में की जा सके. यमुना की सफाई भाजपा के लिए दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक महत्वपूर्ण चुनावी वादा रहा और यह आप और भाजपा के बीच एक प्रमुख राजनीतिक विवाद का विषय भी बना. इंडिया टुडे के अनुसार, जल शक्ति मंत्रालय ने इस मास्टर प्लान के लिए साबरमती रिवर फ्रंट के निर्माण में विशेषज्ञता रखने वाले सलाहकारों से मार्गदर्शन लिया है और मंत्रालय ने इस संबंध में कुछ बैठकें भी आयोजित की हैं।
17 फरवरी को अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन चौधरी ने पीटीआई को जानकारी दी थी कि दिल्ली सरकार अगले दो वर्षों में यमुना में सीवेज और औद्योगिक अपशिष्टों के प्रवाह को पूरी तरह से रोकने का लक्ष्य रखती है. इसके लिए दिसंबर 2027 तक नदी को साफ करने के उद्देश्य से सभी सीवेज उपचार संयंत्रों को पूरी तरह से कार्यात्मक बनाया जाएगा, जिसमें छह नए संयंत्रों की स्थापना भी शामिल है. उन्होंने बताया कि यमुना का 57 किलोमीटर लंबा क्षेत्र साफ किया जाएगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने चेतावनी दी थी कि यमुना में अनुपचारित अपशिष्ट छोड़ने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद करना आवश्यक होगा।