- चेतावनी के बाद भी नहीं माने तो होगी कार्रवाई – जायसवाल
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में दुर्ग भिलाई के उद्योगों का गंदा पानी नालों के जरिए नदी में मिलाने का मामला गूंजा. अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने विधानसभा में सवाल पूछा कि दुर्ग और भिलाई के उद्योगों का पानी शिवनाथ नदी में मिलाया जा रहा है. इसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे।
इस प्रश्न के जवाब में मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि उद्योगों के लिए स्पष्ट निर्देश है कि वो सीधे किसी नदी में अपने गंदा पानी नहीं डाल सकते. इसके लिए उन्हें वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी को रिसाइकिल करके नदी या नालों के जरिए निकासी करनी होगी. अब तक इस बारे में किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है. यदि भविष्य में शिकायत मिलती है तो ऐसे उद्योगों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी. कितने केमिकल प्लांट पर कार्रवाई हुई इसके बाद विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने पूछा कि वर्ष 2024 में कैमिकल बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
इस सवाल के जवाब में मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि साल 2024 में केमिकल बनाने वाली कंपनियों के 27 कंपनियों की जांच की गई थी. जिन पर कार्रवाई की गई है. यदि ये नाम चाहेंगे तो नाम दे दिए जाएंगे. इस प्रश्न का जवाब देने के बाद पाटन विधायक भूपेश बघेल ने भी नदियों में पानी छोड़ने के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कोर्सेवाड़ा को धन्यवाद देते हुए कहा कि उद्योगों का गंदा पानी शिवनाथ और खारुन नदी में छोड़ा जाता है. मेरे निवास स्थान से 1 किलोमीटर दूर एक नाला है. जिसमें उद्योगों का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है, इसके जद में कई गांव आते हैं, उसमें ये स्थिति है कि हथखोज से लेकर दादर, पथर्रा, नंदौली से होकर गुजरता है. नाले में सल्फ्यूरिक एसिड मिला हुआ पानी छोड़ा जाता है. आज स्थिति ये है कि नाले में एक भी जलचर प्राणी नहीं है।