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देवेंद्र यादव आज शाम 5 बजे रिहा होंगे:रायपुर से सीधे खुर्सीपार जाएंगे विधायक

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रायपुर। बलौदाबाजार हिंसा मामले में भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद रायपुर सेंट्रल जेल में करीब 7 महीने से बंद देवेंद्र आज (शुक्रवार) शाम 5 बजे तक रिहा कर दिए जाएंगे। वे 17 अगस्त से जेल में बंद थे।
रायपुर सेंट्रल जेल में यादव के समर्थक उनके स्वागत की तैयारी में हैं। जेल से निकलने के बाद देवेन्द्र सीधे भिलाई जाएंगे और यहां खुर्सीपार में आयोजित स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसमें बलौदाबाजार हिंसा मामले से जमानत पर रिहा हुए सतनामी समाज के लोग पहुंच रहे हैं। इसके अलावा यादव समाज के लोग भी मौजूद रहेंगे।
जानिए क्या था मामला
10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज ने जैतखाम तोड़े जाने का विरोध करते हुए कलेक्टर और एसपी ऑफिस जला दिया था। इस मामले में भीड़ को भड़काने, आंदोलनकारियों का साथ देने का आरोप लगाकर कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव पर केस दर्ज किया गया था।
देवेंद्र यादव ने सुप्रीम कोर्ट में क्या दलील दी
विधायक देवेंद्र यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपने बचाव में कहा गया कि बलौदाबाजार हिंसा घटना वाले दिन वह सिर्फ सभा में शामिल हुए, लेकिन वो मंच पर नहीं गए, उन्होंने मंच से कोई भाषण नहीं दिया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने भीड़ को उकसाया होगा।
कार्यक्रम में शामिल होने और वापस लौट जाने का समय हिंसक घटना के समय से बिल्कुल अलग है। जहां हिंसक घटना हुई, वहां देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। उनकी गिरफ्तारी भिलाई स्थित उनके घर से हुई जो की घटनास्थल से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से गलत और राजनीति से प्रेरित है।
बलौदाबाजार हिंसा की टाइमलाइन-
15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए।
19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे।
इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई।
प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।