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केजरीवाल और मोदी एक सिक्के के दो पहलू, विकास से इनका कोई वास्ता नहीं: खडग़े

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नई दिल्ली। नई दिल्ली के मुस्तफाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने आप और भाजपा पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और पीएम मोदी, ये दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। केजरीवाल कहते हैं कि हरियाणा से आने वाले पानी में जहर मिलाया गया है। वहीं पीएम मोदी कहते हैं कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं। जबकि ये दोनों झूठ बोलते हैं, क्योंकि दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों ने दिल्ली की भलाई के लिए कुछ नहीं किया। जो किया, केवल कांग्रेस ने ही किया है। इसलिए आप दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनाइए, तब देखिए हम कैसे विकास के काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया बहुत कमजोर हो गया है। यहीं नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो कहते थे कि कांग्रेस सरकार में रुपया पतला हो गया है। हमारी कांग्रेस सरकार में एक डॉलर की कीमत 60 रुपये के करीब थी और आज एक डॉलर 86 रुपये के पार है। इसलिए नरेंद्र मोदी को आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है। वह केवल सत्ता और कुर्सी के लिए लड़ते हैं, जबकि कांग्रेस का मकसद जनता की सेवा करना है।
खडग़े ने आगे कहा कि मोदी व केजरीवाल सत्ता और अधिकार के लिए लड़ते हैं, जबकि दूसरी ओर हमारे पास सोनिया गांधी जैसी नेता हैं, जिन्हें दो बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला, लेकिन उन्होंने पद लेने से इनकार कर दिया और अपनी जगह मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया। सोनिया गांधी ने हमेशा पार्टी और देश की भलाई को प्राथमिकता दी, जबकि भाजपा के नेता सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए काम कर रहे हैं। अगर आप संविधान और लोकतंत्र को बचाना चाहते हैं, तो कांग्रेस को समर्थन करिए। कांग्रेस देश के भविष्य को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और कांग्रेस के उम्मीदवार जनता के हित में काम करेंगे।
वहीं कांग्रेस सांसद अजय माकन ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की नीतियों पर तीखा हमला किया है। माकन ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदहाल कर दिया है, जिसके कारण राज्य के प्रमुख अस्पतालों में जरूरी मेडिकल उपकरण जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड मशीनें खराब पड़ी हैं। साथ ही कई अस्पतालों में आईसीयू भी कार्य में नहीं हैं। कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार से जो वित्तीय मदद मिली थी, वह भी आप सरकार द्वारा सही तरीके से खर्च नहीं की जा सकी। यह गंभीर लापरवाही है।