अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सीमेंट का प्रत्येक महीना लगभग 30 लाख टन (6 करोड़ बैग) उत्पादन किया जाता है जिसकी कीमतों में एकाएक खुले बाजार में 40 रूपये तक की प्रति बोरी के हिसाब से वृद्धि की गई है। प्रदेश में सभी सीमेंट कम्पनियॉ खुले बाजार में नवम्बर 2024 के पूर्व लगभग 260 रू. प्रति बोरी सीमेंट बेच रहे थे जिसे अचानक एक दिन में लगभग 310 रूपये कर दिया गया है। वहीं सरकारी एवं जनहित के प्रोजेक्ट के लिए मिलने वाला सीमेंट 205-210 रूपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 250 रूपये प्रति बोरी कर दिया गया है, जिसमें भी और वृद्धि की तैयारी है। सीमेंट की कीमतों में एकाएक ही लगभग 40-50 रूपये प्रति बोरी की वृद्धि प्रदेश की जनता के उपर सीधा-सीधा आर्थिक बोझ है।
अग्रवाल ने बताया कि इस वृद्धि का सीधा असर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, शासकीय योजनाओं, और प्रधानमंत्री आवास योजना पर पड़ रहा है। गरीबों के लिए घर बनाना मुश्किल हो रहा है, और शासकीय परियोजनाओं की लागत में भी वृद्धि हो रही है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सितंबर में हुई इसी प्रकार की मूल्य वृद्धि पर उनके अनुरोध के बाद कंपनियों को दरें वापस लेनी पड़ी थीं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस बार भी तेजी से प्रभावी कदम उठाकर जनता को राहत प्रदान की जाए। अग्रवाल ने इस विषय पर गंभीरता दिखाने और आम जनता के हित में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।