रायपुर। एम्स रायपुर के जैव रसायन विभाग ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह छत्तीसगढ़ का पहला सरकारी प्रयोगशाला बन गया है जिसे एनएबीएल (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लैबोरेटरीज़) मान्यता प्राप्त हुई है। यह प्रतिष्ठित मान्यता विभाग की गुणवत्ता, सटीकता और विश्वसनीयता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जो सटीक निदान और उपचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह उपलब्धि विभाग की समय पर और सटीक परिणाम प्रदान करने की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है, जो प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवश्यक हैं। एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने इस पहल को सफल बनाने में आवश्यक संसाधन और सुविधाएं प्रदान कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सफलता का श्रेय विभागाध्यक्ष और लैब डायरेक्टर डॉ. एली महापात्रा के नेतृत्व में समर्पित टीम को जाता है, जिसमें डॉ. रचिता नंदा, डॉ. सुप्रवा पटेल, डॉ. सीमा शाह, और डॉ. नेहा रानी वर्मा के साथ दीप्ति, अभिषेक, मनीषा और विभाग के सभी तकनीकी स्टाफ का योगदान शामिल है। उनकी कठोर परिश्रम और कड़े गुणवत्ता मानकों का पालन इस मान्यता को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण रहा। यह उपलब्धि एम्स रायपुर को एक अग्रणी स्वास्थ्य संस्थान के रूप में स्थापित करती है, जो चिकित्सा अनुसंधान को आगे बढ़ाने और मरीजों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह इसे राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष चिकित्सा संस्थानों की सूची में शामिल करता है।