नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 1990 तक बीआर आंबेडकर को भारत रत्न न मिले, इसके लिए कांग्रेस प्रयास करती रही।
शाह ने कहा, ‘विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी।’
संसद की चर्चा का किया जिक्र
उन्होंने कहा कि ‘ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।’
कांग्रेस पर लगाए आरोप
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कल से कांग्रेस ने जिस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखने का प्रयास किया है, ये अत्यंत निंदनीय है और मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।’
आंबेडकर के अपमान का आरोप
शाह ने कहा कि ‘तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।’
अमित शाह ने कहा, ‘कल से कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।’
भारत रत्न नहीं देने का आरोप
शाह ने कहा कि ‘जहां तक भारत रत्न देने का सवाल है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को भारत रत्न दिया हैं। 1955 में नेहरू जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया, 1971 में इंदिरा जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। लेकिन बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में तब मिला, जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। 1990 तक कांग्रेस बाबा साहेब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही। यहां तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई।’
उन्होंने कहा, ‘जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आती गईं, स्मारक बनते गए। भाजपा की सरकारों ने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थ का विकास किया, मध्य प्रदेश में महू, लंदन में बाब साहेब के स्मारक, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक और महाराष्ट्र के मुंबई में चैत्यभूमि का विकास करने का काम भाजपा की सरकारों ने किया।’
बयान तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप
शाह ने कहा कि ‘राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। इससे पहले उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी जी के बयानों को एडिट करके सार्वजनिक किया था। जब चुनाव चल रहे थे तो मेरे बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था। और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि वह मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें। मैं उस पार्टी से हूं जो आंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है। जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है। भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है।’
खरगे पर भी बरसे शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था। मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं।’
उन्होंने कहा कि ‘हम जानते हैं कि देश के संविधान को समावेशी बनाने में, दलितों, आदिवासियों, वंचितों, गरीबों को न्याय दिलाने में और देश में लोकतंत्र की नींव को गहरा करने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है। पूरा देश बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।’
विपक्ष ने साधा था निशाना
इसके पहले कल मंगलवार को राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। शाह के एक बयान को लेकर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया भी जाहिर की थी। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए। खरगे ने गृह मंत्री पर संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।