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युवाओं को मौका, वरिष्ठ नेताओं की चिंता -निकाय चुनाव में बीजेपी का बड़ा दांव

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत चुनावों की हलचल तेज हो चुकी है! इस बार मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है क्योंकि बीजेपी ने बनाई है एक नई रणनीतिज् युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी! तो क्या इस बार चुनाव में नई लहर देखने को मिलेगी? चलिए, आपको बताते हैं इस बड़ी खबर के हर पहलू को।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार निकाय और पंचायत चुनावों में नए और युवा चेहरों को मौका देने की तैयारी कर रही है। हाल ही में हुई बीजेपी की मैराथन बैठक के बाद ये इशारे साफ-साफ मिल रहे हैं। पार्टी की इस नई रणनीति का मकसद है युवाओं को राजनीति में सक्रिय करना और आम कार्यकर्ताओं का उत्साह बनाए रखना।
लेकिन इस नई रणनीति के साथ एक बड़ा खतरा भी मंडरा रहा है। जी हां, पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जो अब तक टिकट के दावेदार माने जा रहे थे, अब वे इस फैसले से नाराज हो सकते हैं। पार्टी को इस नाराजगी का भी डर है और यही वजह है कि निगम-मंडल में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों को टाल दिया गया है, ताकि असंतुष्ट नेताओं को मनाया जा सके।
अब, कांग्रेस की भी हलचल तेज हो गई है! कांग्रेस ने पंचायत और निकाय चुनावों की रणनीति बनाने के लिए अपने जिला और शहर अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने निगमों में प्रभारी और नगर पंचायतों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बूथ से लेकर ब्लॉक तक के हर पद को जल्द से जल्द भरने की कोशिश में जुट गई है।
इस बीच, राज्य सरकार ने भी चुनाव से पहले की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आरक्षण लॉटरी के ज़रिए तय किया जाएगा और जहां एससी-एसटी की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक होगी, वहां ओबीसी का आरक्षण नहीं होगा।
इस सब के बीच सबसे बड़ी खबर ये है की 20 दिसंबर के बाद कभी भी आचार संहिता लगाई जा सकती है। चुनाव आयोग 20 दिसंबर के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। अनुमान है कि पंचायत और निकाय चुनाव 4 से 5 चरणों में कराए जाएंगे और ये चुनाव बजट सत्र से पहले पूरे कर लिए जाएंगे। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ये चुनाव नाक की लड़ाई बन गइ हैं।
तो अब सवाल ये है कि क्या बीजेपी के नए युवा चेहरे जनता का दिल जीत पाएंगे? क्या कांग्रेस की रणनीति रंग लाएगी या फिर चुनावी खेल में कुछ और नया देखने को मिलेगा? आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज होने वाली है।