- योजना से मिलने वाली राशि से महिलाओं ने सुकन्या समृद्धि योजना के खोले खाते
- मेरी बिटिया की बेहतर भविष्य सुरक्षित करने में महतारी वंदन बनी मददगार – प्रीति, मनीषा, गायत्री
महासमुंद। राज्य सरकार एक वर्ष पूर्ण करने जा रही है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण और स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल हुई है। राज्य की लगभग 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। इस राशि से महिलाएं न केवल अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा कर रही है, बल्कि भविष्य के लिए भी सुनहरे सपने गढ़ने का काम कर रही है। महासमुंद शहरी क्षेत्र के हितग्राहियों ने प्रतिमाह मिलने वाली राशि के बेहतर सदुपयोग के लिए एक नई सोच गढ़ी है। महिलाएं अपनी लाड़ली बेटियों के सुनहरे भविष्य के लिए योजना से मिलने वाली राशि को सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने और राशि जमा करने के लिए सदुपयोग में ला रही है। आज स्थानीय महासमुंद के ईमली भाठा वार्ड नम्बर 2 में शहरी महिलाएं एकत्रित होकर सुकन्या समृद्धि योजना के फॉर्म भरकर बचत की शुरुआत कर दी है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोस्टमैन को आमंत्रित कर 36 खाता खुलवाए गए। विभाग की पर्यवेक्षक शीला प्रधान ने बताया कि ऐसी 36 महिलाओं के फॉर्म आज भरने की शुरुआत की गई जो अपनी बेटियों के बेहतर भविष्य के लिए बचत करना चाहती हैं।
उन्होंने बताया कि गरीबी और आर्थिक तंगी के कारण कई बेटियां इस योजना से वंचित होने के कगार पर थी लेकिन महतारी वंदन योजना से उन्हें नई सोच मिली और अपने बेटियों के नाम मिलने वाली राशि को जमा करने के लिए तैयार हुई। आज फॉर्म भरने आई वार्ड नम्बर 2 की हितग्राही श्रीमती प्रीति दीवान ने बताया कि उनकी बिटियां ढाई वर्ष की है और उनके लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत फॉर्म भर रही है। यह गुड़िया के लिए पहली जमा राशि होगी। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि मेरे मन में अपनी बिटियां की भविष्य के प्रति हमेशा चिंता रहती थी। लेकिन यह राशि मेरे लिए मददगार साबित हुई और मैं अपनी बिटिया के नाम पर खाता खुलवा रही हूं। उम्मीद है कि इस राशि से बिटिया की पढ़ाई और शादी में मदद मिलेगी। इसी तरह वार्ड नम्बर 2 की श्रीमती मनीषा यादव ने बताया कि उनकी गुड़िया डेढ़ वर्ष की है। इससे पहले मिलने वाली राशि को वह घरेलू कार्य में खर्च कर देती थी। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रयास से यह प्रेरणा मिली की मैं अपने बिटियां के नाम से राशि जमा कर सकूं। इसी तरह श्रीमती गायत्री देवांगन की एक बिटियां का भी सुकन्या समृद्धि योजना के तहत फॉर्म भरा गया है। उनकी एक बेटी का पहले से सुकन्या समृद्धि योजना में खाता है लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अपनी दूसरी बेटी के नाम बचत नहीं कर पा रही थी। इस अवसर पर सभी महिला हितग्राहियों का तिलक लगाकर और आरती कर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर परियोजना अधिकारी श्रीमती शैल नाविक, पर्यवेक्षक शीला प्रधान एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद थे।
उल्लेखनी है कि सुकन्या समृद्धि भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका उद्देश्य बेटियों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करना और उनके शिक्षा एवं विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह एक छोटी बचत योजना है, जिसकी शुरुआत ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गयी। जिसके अंतर्गत माता-पिता या कानूनी अभिभावक कन्या के नाम से खाता खोल सकते हैं इस योजना के अंतर्गत खाता खुलवाने के लिए बच्ची की आयु सीमा 10 वर्ष से कम होनी चाहिए । यह खाता किसी भी डाकखाने और निर्धारित सरकारी बैंकों में खोला जा सकता है।
योजना के तहत जमा की जाने वाली रकम पर वार्षिक ब्याज अन्य जमा योजनाओं से अधिक आकर्षक ब्याज दर पर है। हर वर्ष जमा की जाने वाली रकम की न्यूनतम सीमा 250 रुपये और अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये हैं। एक महीने में या एक वित्त वर्ष के दौरान रकम जमा करने की बारम्बारता की कोई सीमा नहीं है। अभिभावक द्वारा 14 वर्षों तक किए गए निवेश के आधार पर ही सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत ब्याज का लाभ प्राप्त होता है