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नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान: सामूहिक प्रयास से जल संरक्षण की मिसाल

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  • टेड़गा नाला में हुआ बोरी बंधान, जल संरक्षण के लिए महिलाओं ने दिखाई मजबूत नेतृत्व क्षमता
  • ‘साथी हाथ बढ़ाना’ और ‘पानी जिंदगानी है’ जैसे प्रेरक ध्येय वाक्यों के साथ नाला में उतरे अधिकारी

कोरिया। जल, जंगल और जमीन के महत्व को समझाते हुए जिला कोरिया में महिलाओं की अगुवाई में “नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान” का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। जिला कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के नेतृत्व में महिला अधिकारियों और ग्रामीण महिलाओं ने सोनहत विकासखंड के ग्राम अंगवाही स्थित टेड़गा नाला में बोरी बंधान कार्य किया। इस अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना था।
अभियान में कलेक्टर के साथ जिला वनमण्डलाधिकारी श्रीमती प्रभाकर खलको, अपर कलेक्टर श्रीमती अंकित सोम, एसडीएम श्रीमती दीपिका नेताम, तहसीलदार श्रीमती अमृता सिंह और कई महिला अधिकारी शामिल हुईं। ग्रामीण महिलाओं और सरपंच गुलावती बाई की सहभागिता ने इस पहल को और भी प्रेरणादायक बना दिया।
जल संरक्षण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी
कलेक्टर त्रिपाठी ने कहा, “जल, जंगल और जमीन के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। नारी शक्ति इस अभियान के माध्यम से समाज को यह संदेश देना चाहती है कि जल संरक्षण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें और प्लास्टिक का उपयोग बंद करें ताकि पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके।”
शुद्ध पर्यावरण ही भावी पीढ़ी के लिए होगी सबसे बड़ी सौगात
वनमण्डलाधिकारी श्रीमती खलको ने जल संरक्षण के साथ-साथ अधिक से अधिक पेड़ लगाने और पेड़ों की कटाई रोकने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “स्वच्छ वायु और शुद्ध पर्यावरण भावी पीढ़ी के लिए सबसे बड़ी सौगात है। इसके लिए हर किसी को भागीदारी निभानी होगी।”
सामूहिक प्रयास की मिसाल
सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह अभियान “साथी हाथ बढ़ाना” और “पानी जिंदगानी है” जैसे प्रेरक ध्येय वाक्यों के साथ पूरे उत्साह से संपन्न हुआ। बोरी बंधान कार्य से न केवल बहते पानी को रोका गया, बल्कि जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया गया।
भागीदारी और समर्पण से जल संरक्षण और पर्यावरण होगी रक्षा
ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी और अधिकारियों का समर्पण यह साबित करता है कि जल संरक्षण और पर्यावरण रक्षा में सामूहिक प्रयास कितने महत्वपूर्ण हैं। यह पहल न केवल आज की जरूरत है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी जीवनशैली की ओर बढ़ने का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
इस अभियान में जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, एसडीएम राकेश साहू, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह, और सिविल सर्जन डॉ. आयुष जायसवाल, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री ए. टोप्पो, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री अनिल मिश्रा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनिल पोद्दार, जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र गुप्ता, डीआईओ सुखदेव पटेल समेत कई विभागीय अधिकारी भी शामिल हुए। सभी ने नाला में श्रमदान कर जल संरक्षण का संदेश दिया।