इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक खुशवंत साहेब एवं रोहित साहू उपस्थित थे।
सरगुजा प्रखंड में सरगुजा अंचल के जनजातियों की अनुठी संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत और पुरावैभव को प्रदर्शित किया गया है। सरगुजा अंचल के विभिन्न जनजातियों के निवास स्थल व उनकी जीवनशैली को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे हम एक ही स्थल में विभिन्न आदिवासी समुदायों के रहन-सहन, संस्कृति से बेहतर तरीके से रूबरू हो सकते हैं।

इसी प्रखंड में प्रदर्शित मड़िया खंबा आदिवासियों के सामुदायिक समारोह में उपयोग होता है। यह मड़िया जनजाति की पहचान का प्रतीक है, इसे पूजा स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है। इसी तरह रामगढ़ की पहाड़ी पर सीताबेंगरा गुफा के प्राचीन नाट्यशाला के अवशेष को प्रदर्शित किया गया है। यह भरत मुनि का नाट्यशाला माना जाता है। रामगढ़ की पहाड़ी में महाकवि कालीदास ने मेघदूतम् की रचना की है।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।
