रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के सस्य विज्ञान विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. संजय द्विवेदी को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आई. आर. आर. आई.), लास बनास, फिलिपींस द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ रिकगनिशन से सम्मनित किया गया। डॉ. संजय द्विवेदी को अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, लास बनास, फिलीपींस द्वारा विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में 7 से 15 अक्टूबर, 2024 तक आमंत्रित किया गया था। उल्लेखनीय है कि डॉ. द्विवेदी विगत वर्षों से इस संस्थान के साथ धान की सीधी बुआई (डी.एस.आर.) की उन्नत तकनीक पर प्रमुख अन्वेषक के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन्हें सतत वर्षों से उत्कृष्ट कार्य हेतु सराहा भी गया है। धान की सीधी बुआई तकनीका का उपयोग करने से लगभग 50 प्रतिशत बीज, 30 प्रतिशत तक पानी एवं प्रति एकड़ 6 हजार रूपए तक की बचत की जा सकती है। इस विधि से धान की बुआई करने से जलवायु परिवर्तन हेतु कारक मीथेन गैस का उत्सर्जन कम होता है, मृदा स्वास्थ में सुधार होता है, नमी का संचय अधिक होता है, साथ ही फसल 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है, जिससे रबी के मौसम में अन्य फसल लेने में सुविधा होती है। डॉ. द्विवेदी पूर्व में भी जर्मनी के प्रसिद्ध संस्थान में अनुसंधान कार्य कर चुके हैं। इनको कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, अमेरिका में भी आमंत्रित किया जा चुका है। डॉ. द्विवेदी, अखिल भारतीय अलसी अनुसंधान परियोजना, आई. सी. ए. आर. में राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख अन्वेषक (एफ. एल. डी. एवं टी. एस.पी.) के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। डॉ. संजय द्विवेदी को इस उपलब्धि हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल एवं संचालक अनुसंधान डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी