रायपुर। रामायण प्रसार – परिशोध प्रतिष्ठान, अम्बाला शहर द्वारा वाल्मीकि रामायण का गद्य में संक्षिप्त कथा सार प्रकाशित किया गया है। मूल रूप से हिन्दी एवं अंग्रेजी में अनुवादित इस कथा सार के आधार पर संस्थान द्वारा देश एवं विदेश की अनेकों भाषाओं में इसका अनुवाद करवाया जा रहा है।
नारायणी साहित्यिक संस्थान की डॉ. मृणालिका ओझा ने बताया कि हिन्दी, अंग्रेजी के अतिरिक्त हरियाणवी, डोगरी, नेपाली, छत्तीसगढ़ी, सिन्धी, असमिया, रवांल्टी, ब्रज, स्पैनिश, मराठी एवं तेलुगू भाषा में किये गए अनुवाद का विमोचन सोमवार सुबह राजेश्री महंत डॉ. रामसुंदरदास जी महाराजश्री के करकमलों से श्री दूधाधारी मठ में हुए संपन्न हुआ. राजेश्री महंत जी ने इस कार्य की प्रशंसा करते हुए अनुवाद को थोड़ा और विस्तारित करने का भी सुझाव दिया.
इस अवसर पर राजेंद्र ओझा, नितिन कुमार झा, ह्रषिक , रौशनी, रवि शर्मा, ट्रस्टी विजय पाली, रमेश यदु आदि उपस्थित थे.