रायपुर। आरपीएफ अधिकारियों की मनमानी और अंग्रेजों के जमाने की प्रथा अक्सर सामने आती रहती है. आज ऐसी ही एक प्रथा रायपुर रेलवे स्टेशन में भी देखी गई. जहां आरपीएफ अधिकारियों ने आरपीएफ के एक अधिकारी की सेवा में आरक्षक को ‘कुली’ बना दिया और रेलवे की सुरक्षा के लिए जिस वर्दी को आरक्षक ने शान से पहना है उसी वर्दी के कंधे पर कुली जैसे दो बैग उठाते हुए नजर आए।
सूत्रों के मुताबिक 10 अक्टूबर को दोपहर करीब 1.40 बजे नागपुर से एएससी रैंक के एक अफसर रायपुर पहुंचे. उन्हें रिसीव करने के लिए रायपुर पोस्ट के एसआई और एक आरपीएफ आरक्षक गए हुए थे. अब साहब नागपुर से आए थे, तो यहां भी उनका रूवाब भला कैसे कम होता और वो साहब है तो अपना सामान खुद कैसे उठा सकते है और जब सेवा में आरक्षक लगा और एसआई लगे हो तो भला कुली कर के पैसे कौन खर्च करेगा. संभवतः यही कारण है कि एएससी साहब ने अपने दोनो बैग आरक्षक के कंधे में डाल दिए या यू कहे कि उनकी सेवा में आरक्षक को ये दोनो बैग वर्दी में उठाने के लिए मजबूर किया गया।
मीडिया ने सूत्रों से ये पता किया कि साहब रायपुर क्या करने आए है तो पता चला कि यहां एक परीक्षा होने वाली है और ड्यूटी करने यहां आए हुए है. लेकिन सवाल अब भी कायम था कि परीक्षा तो एक दिन की होगी तो भला इतने भारी भरकम दो-दो बैग किस लिए।
फिर सूत्र ने बताया कि साहब की ड्यूटी डोंगरगढ़ में लगी हुई थी और वे वहीं से रायपुर आए है. अब सवाल ये है कि नागपुर रेल मंडल के जो कमांडेंट आरपीएफ स्टॉफ को हर बात पर सस्पेंड करने की बात कहते है वो अब अपने एएससी पर क्या कार्रवाई करेंगे या जोन के आईजी रायपुर रेल मंडल के उन अधिकारियों पर क्या कार्रवाई करेंगे जिन्होंने अपने आरक्षक को वर्दी में साहब के बैग उठाने के लिए मजबूर किया।