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अकबर पर एफआईआर से बिफरे बघेल ने खुद को फिर भ्रष्टाचारियों का सबसे बड़ा पैरोकार साबित किया : भाजपा

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प्रदेश महामंत्री रामू रोहरा ने आदिवासी शिक्षक की आत्महत्या के मामले में हुई एफआईआर को लेकर बघेल के बयान पर कटाक्ष कर जानना चाहा कि आखिर यह रिश्ता कहलाता क्या है?
‘हजारों अप्राकृतिक मौतों के ढेर पर खड़ी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री एफआईआर में राजनीतिक प्रतिशोध तलाश रहे हैं, तो इस राजनीतिक धृष्टता के लिए उन पर तरस ही खाया जा सकता है’
रोहरा की दो टूक : ‘विष्णु के सुशासन’ में कानून तो अपना काम करेगा ही, और बघेल की सारी वकालत और प्रलाप के बावजूद अपराधी को सींखचों के पीछे जाना ही पड़ेगा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री जगदीश (रामू) रोहरा ने आदिवासी शिक्षक की आत्महत्या के मामले में अपनी सरकार के पूर्व मंत्री मो. अकबर के खिलाफ हुई एफआईआर को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बिफरने पर कहा है कि बघेल ने एक बार फिर एक आरोपी मंत्री की वकालत करके यह साबित कर दिया है कि प्रदेश कांग्रेस में वह भ्रष्टाचारियों, वसूलीबाजों और अपराधियों के सबसे बड़े पैरोकार हैं। श्री रोहरा ने कटाक्ष करते हुए बघेल से यह जानना चाहा है कि आखिर यह रिश्ता कहलाता क्या है?
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि उनकी पिछली सरकार में मंत्री रहे मो. अकबर पर बालोद जिले के एक आदिवासी समाज के शिक्षक देवेंद्र कुमार कुमेटी की आत्महत्या के उस मामले में एफआईआर हुई है जिसके साथ नौकरी दिलाने के नाम पर झाँसेबाजी करके अवैध तरीके से धन उगाही की गई थी। उक्त शिक्षक ने अपने सुसाइड नोट में जिन चार लोगों को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है, उनमें मो. अकबर एक हैं। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे एक नेता और उसके गुर्गों द्वारा वसूली करने का यह आरोप जितना गंभीर और शर्मनाक है, उससे भी अधिक शर्मनाक बात बघेल का अपने पूर्व मंत्री की वकालत करना है। श्री रोहरा ने कहा कि इस मामले से उद्वेलित आदिवासी समाज की वेदना अनुभव करने के बजाय बघेल अब इस मामले में भी भाजपा सरकार को दोषी ठहराने की ओछी राजनीति कर रहे हैं। अभी हाल ही अजा-अजजा वर्ग के अपने ही नेताओं और कार्यकर्ताओं, जिनमें दो महिला नेत्रियाँ भी शुमार हैं, से चुनाव में टिकट दिलाने के नाम पर की गई भारी वसूली का भाण्डा फूटने पर कांग्रेस के समूचे राजनीतिक चरित्र पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं।
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि भ्रष्टाचार कांग्रेस के डीएनए में रचा-बसा है और उसी अपसंस्कृति की सबसे बड़ी पैरोकार बघेल-सरकार के शासनकाल में सत्ता की धौंस दिखाकर हर महकमे में तो भ्रष्टाचार की सारी हदें लांघी ही गई, संगठन तक को भी नहीं बख्शा गया और उसके फंड में भी घोटाला कर दिया गया। काली कमाई की हवस जिन कांग्रेसियों की फितरत बन चुकी है, उन्होंने लोगों को व्यक्तिगत तौर पर लूटने का भी नंगा खेल अपने पिछले शासनकाल में खूब खेला है। रोहरा ने कहा कि काली कमाई की हवस में कांग्रेसियों ने उन आदिवासियों, दलितों, महिलाओं, युवाओं, किसानों तक के साथ छल-कपट करने में जरा भी शर्म महसूस नहीं की, जिनके नाम का ढोल पीट-पीटकर उनका हितैषी होने का स्वांग पूरे पाँच साल तक वे करते रहे। कर्जमाफी के नाम पर किसानों को ऐसा छला कि पाँच साल में सैकड़ों किसानों को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा। अजा-अजजा वर्ग और इन वर्गों युवाओं के साथ तो भूपेश सरकार ने ऐसे-ऐसे फरेब किए कि पूरा प्रदेश तब शर्मसार हो गया था, जब इन वर्गों के युवाओं को राजधानी की सड़कों पर पूर्ण नग्न होकर प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ा था।
भाजपा प्रदेश महामंत्री रोहरा ने कहा कि आत्महत्या के लिए विवश करने में भूपेश सरकार और उसके मंत्रियों को इतनी महारत हासिल थी कि जब तक बलात्कार पीड़िता आत्महत्या न कर ले तब तक पुलिस उस मामले की एफआईआर दर्ज नहीं करती थी, बेरोजगारी की यंत्रणा में कई युवकों को आत्महत्या करनी पड़ी, अपराधियों और माफियाओं के खौफ से लोग आत्महत्या कर रहे थे। हजारों ऐसी अप्राकृतिक मौतों के ढेर पर खड़ी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल आज मो. अकबर के खिलाफ हुई एफआईआर में राजनीतिक प्रतिशोध तलाश रहे हैं, तो इस राजनीतिक धृष्टता के लिए उन पर तरस ही खाया जा सकता है। श्री रोहरा ने कहा कि पूरे पाँच साल तक चरित्र हत्या और बदले की भावना से राजनीति करने वाले बघेल को पीलिया के मरीज की तरह हर कानूनी कार्रवाई में राजनीतिक बदला ही नजर आ रहा है, लेकिन बघेल यह बात गाँठ बांधकर रखें कि वह चाहे जितना प्रलाप कर लें, ‘विष्णु के सुशासन’ में कानून तो अपना काम करेगा ही, और अपराधी चाहे जो हों, बघेल की सारी वकालत के बावजूद अपराधी को सींखचों के पीछे जाना ही पड़ेगा, यही उनकी तयशुदा नियति है।