लाभांडी। श्री पद्मप्रभ भक्त परिवार के श्री विनोद बड़जात्या व बिपिन क्षेत्रपाल्या ने विज्ञप्ति द्वारा बताया कि दिनांक 8 सितम्बर को प्रातः मन्दिरजी मे श्री पदमचंदजी जितेंद्र गदिया परिवार के द्वारा ध्वजारोहण के पश्चात पर्युषण पर्व प्रारम्भ हुआ, प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म व द्वितीय दिन उत्तम मारदव धर्म की पूजा अर्चना व विधान किया गया, पर्युषण के तृतीय दिवस उत्तम आर्जव के दिन आज प्रातः मंदिर के मुलनायक1008 भगवान श्री पद्मप्रभ जी की विशाल व मनोहारी मूरत पर मन्त्रोंचार के माध्यम से उपस्थित श्रावकों ने प्रक्षाल संपन्न किया गया,उसके पश्चात भगवान 1008 श्री चंद्रप्रभ जी को विधि पूर्वक पाण्डुकशीला मे विराजमान कर अभिषेक किया गया, प्रथम कलश व इस्टे मनोरथ कलश करने के पश्चात इद्रों के रूप मे श्री मनोज बड़जात्या, श्री संजय जैन साइंटिस्ट, श्री चक्रेश जैन एवं डॉ निखिल जैन एवं प्रदीप जैन विश्व शांति की कामना से बीजाक्षरों के साथ वृहद शांतिधारा संपन्न की, भगवान का परिमार्जन कर पुनः वेदी मे विराजमान किया गया, श्रीजी व आचार्य श्री विद्यासागर जी की आरती की गयी, उसके बाद उत्तम आर्जव धर्म पर प्रवचन हुआ, उत्तम आर्जव धर्म की व्याख्या की गयी, उसके बाद देव शास्त्र गुरु, चौबीस तीर्थंकर भगवान, सोलह कारण, पंचमेरु, दस लक्षण धर्म उत्तम आर्जव की पूजा की गयी,स्वयंभू स्त्रोत का पठन किया गया फिर शांति पाठ के विसर्जन किया गया,
श्री पद्मप्रभ भक्त परिवार के अरविन्द पहाड़िया ने बताया की प्रतिदिन संध्या काल मे मंदिर जी मे आरती, भजन व धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते है।