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छत्तीसगढ़ दौरे पर आ सकते हैं पीएम मोदी,शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का कर सकते हैं लोकार्पण

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 नवंबर के आसपास रायपुर दौरे पर आ सकते हैं। यहां वे नवा रायपुर में बन रहे शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक स्वतंत्रता सेनानी राज्य संग्रहालय के लोकार्पण कर सकते हैं।
फिलहाल इस संग्रहालय का निर्माण तेजी से चल रहा है। करीब 45 करोड़ की लागत से 10 एकड़ में संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें 10 करोड़ राज्य सरकार और 35 करोड़ रुपए केंद्र सरकार का अंशदान है। बता दें कि इस संग्रहालय के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पिछले दिनों सीएम विष्णुदेव साय गए थे। सीएम अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में फिर से निर्माण कार्य की समीक्षा कर सकते हैं।
10 एकड़ भूमि पर किया जाएगा स्थापित
शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी) संग्रहालय पुरखौती मुक्तांगन के पास 45 करोड़ की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ आदिम जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्प संख्यक विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का साप्ताहिक निरीक्षण किया था।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों, इंजीनियर्स, क्यूरेटर एवं निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से अब तक के कार्य की प्रगति के संबंध में जानकारी ली थी। उन्होंने निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से कार्य को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए मैन पावर बढ़ाने के निर्देश भी दिए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा होगा लोकार्पण
प्रमुख सचिव बोरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा माह नवंबर में संग्रहालय का लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है। इसलिए काम में गुणवत्ता के साथ तेजी (PM Modi Visit CG) लाई जाए। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि यह संग्रहालय न केवल छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता काल में दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिवासी परंपरा से भी आमजन को रूबरू करवाएगा।
प्रमुख सचिव बोरा ने निर्माणाधीन स्थल पर उपस्थित मूर्तिकारों से भी चर्चा की। क्यूरेटर द्वारा बताया गया कि संग्रहालय में लगने वाली लगभग 60 प्रतिशत मूर्तियों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जबकि शेष कार्य को भी निर्धारित समयावधि में पूरा कर लिया जाएगा। मूर्तियों की फिनिशिंग का कार्य भी समानांतर रूप से किया जा रहा है।