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एसआरयू में मनाया गया शिक्षक दिवस ……”भारत में गुरु शिष्य परंपरा पूर्व वैदिक काल से प्रचलित” – प्रो. बी. के. शर्मा

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“गूगल तो मात्र सूचनाएं दे सकता है जबकि सच्चा ज्ञान गुरु के सानिध्य में ही संभव है” – डॉ. आर. के. पाण्डेय

रायपुर। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी में 5 सितम्बर’ 2024 को महान शिक्षाविद डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि प्रो. बी. के. शर्मा प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.), विशिष्ट अतिथि डॉ. रमेश कुमार पाण्डे प्रोफेसर वाणिज्य विभाग शासकीय बिलासा गर्ल्स पीजी ऑटोनॉमस कॉलेज, बिलासपुर (छ.ग.) एवं डॉ. मंजु पाण्डेय विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग शासकीय पातालेश्वर कॉलेज मस्तूरी, बिलासपुर (छ.ग.) ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एस. के. सिंह ने स्वागत उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक शिक्षक अपने गुरु के समक्ष शिक्षार्थी ही होता है। विश्वविद्यालय मात्र सूचनाएं प्रदान करने का केंद्र नहीं होते बल्कि यह विद्यार्थियों में मानवीय मूल्यों की प्रतिस्थापना कर उन्हें श्रेष्ठ नागरिक भी बनाते हैं।
विशिष्ट अतिथि डॉ. मंजू पांडेय ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि मैं अपने सभी शिक्षकों का दिल से आभार व्यक्त करना चाहती हूं। आपकी शिक्षा और मार्गदर्शन के लिए हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे। ये दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन में शिक्षकों का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।
विशिष्ट अतिथि डॉ. आर. के. पाण्डेय ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान भाव से जुड़े रहें क्योंकि गूगल तो मात्र सूचनाएं दे सकता है जबकि सच्चा ज्ञान गुरु के सानिध्य में ही संभव है।अतः हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य अतिथि प्रो. बी. के. शर्मा ने नचिकेता, अष्टावक्र, प्रह्लाद और ध्रुव के कथानकों की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक वह दीपक हैं जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। वे हमें न केवल किताबों का ज्ञान देते हैं, बल्कि जीवन की मूलभूत सीख भी सिखाते हैं। वे हमें आत्मनिर्भर, जिम्मेदार और नैतिक रूप से सशक्त बनाते हैं।
यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. सौरभ कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों, शिक्षकों और शिक्षार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए गुरु-शिष्य परंपरा की पुनर्स्थापना का आह्वान किया और सभी शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनायें प्रेषित किया। इस अवसर पर सभागार में सम्पूर्ण युनिवेर्सिटी परिवार उपस्थित रहा ।