नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक हाई लेवल मीटिंग आयोजित की जाएगी। यह मीटिंग राजधानी दिल्ली में होगी। पंजाब में चल रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्टों को लेकर यह मीटिंग गोदीय़ इसमें NHAI के अधिकारियों के साथ-साथ पंजाब सरकार के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
इस दौरान दिल्ली अमृतसर कटड़ा एक्सप्रेस हाईवे की जमीन अधिग्रहण को लेकर आ रही अड़चनों समेत सभी मुद्दों पर रिपोर्ट पेश की जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट भी जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी सख्त है। बीते दिनों में सुनवाई में हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को दो सप्ताह के भीतर जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी करने के आदेश दिए हैं। 6 सितंबर को हाई कोर्ट में इस मामले में पंजाब सरकार की ओर से जवाब दाखिल किए जाएंगे।
पंजाब सरकार एक्टिव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एनएचएआई के प्रोजेक्टों को लेकर बैठक रखी गई थी। उसके बाद ही पंजाब सरकार भी इसको लेकर एक्टिव हो गई है। वहीं, मुख्य सचिव अनुराग वर्मा की ओर से डीजीपी गौरव यादव को एक पत्र लिखा गया है। पत्र में उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री 28 अगस्त को दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
इस संबंध में उपायुक्तों के साथ समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि दो बहुत छोटे लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सों मलेरकोटला में 1.34 किलोमीटर की दूरी और कपूरथला में करीब 1.25 किलोमीटर की दूरी पर कब्जा लिया जाना बाकी है। इसे 27 अगस्त, 2024 तक लिया जाना था। ऐसे में इशके लिए दोनों स्थानों परपुलिस फोर्स मुहैया करवाई जाए।
केंद्र और राज्य सरकार में विवाद
बता दें कि पंजाब में नेशनल हाईवे प्रोजोक्टों की जमीन अधिग्रहण को लेकर काफी समय से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच गतिरोध चल रहा है। इससे पहले 16 जुलाई को दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें लोक निर्माण और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ शामिल हुए थे। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब सरकार को पहले के आधार पर हाईवे की जमीनों के कब्जे दिलाने को कहा था। साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि इस काम में देरी पाए जाने पर प्रोजेक्ट को पूरी तरह से कैंसिल कर दिया जाएगा। इसके बाद यह मामला थोड़ा गर्माया हुआ था। विरोधियों ने सरकार को घेरा था, लेकिन बाद में दोबारा माहौल शांत हो गया।
इसके बाद सात अगस्त को एनएचएआई प्रोजेक्टों में काम कर रहे ठेकेदारों ने केंद्र व पंजाब सरकार को पत्र लिथा था। साथ ही यह कहा था कि उन्हें भूमाफिया द्वारा जलाने की धमकियां मिल रही हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी है कि अगर मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो वह काम रोक देंगे।
इसके बाद पंजाब सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने डीजीपी को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई करने को कहा था। साथ ही उस समय दो एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद 10 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी की तरफ से पंजाब सरकार को पत्र लिखा गया था।