रायपुर। रायपुर से बड़ी खबर, जहां छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री शिव डहरिया के विवादित बयान से सतनामी समाज में हड़कंप मच गया है। शिव डहरिया ने एक बयान में कहा है कि गुरु घासीदास जी के वंश में पैदा होने से ही कोई गुरु नहीं बन जाता। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाबा गुरु घासीदास ही सतनामी समाज के असली गुरु हैं। डहरिया के अनुसार, समाज के 80% लोग गुरु प्रथा को बंद करने की इच्छा रखते हैं।
सतनामी समाज में गुरु प्रथा पर शिव डहरिया के बयान पर अब बवाल मच गया है। आरंग से विधायक गुरु खुशवंत साहेब ने पलटवार करते हुए कहा है कि, शिव डहरिया मानसिक संतुलन खो चुके हैं।
गुरु खुशवंत साहेब ने शिव डहरिया को मानसिक रोग का इलाज कराने की सलाह दी और कहा कि, कौन गुरु है, कौन नहीं… सतनामी समाज अच्छे से जानता है। शिव डहरिया के बताने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। शिव डहरिया ने समाज और गुरु घासीदास जी का सम्मान नहीं किया।
उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा था कि, गुरु घासीदास जी के वंश में पैदा होने से ही कोई गुरु नहीं हो जाता। बाबा गुरु घासीदास जी ही सतनामी समाज के असली गुरु हैं। श्री डहरिया यहां तक बोले कि, सतनामी समाज के 80% लोग गुरु प्रथा को बंद करना चाहते हैं। वे शुक्रवार को रायपुर में एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
समाज एकजुट, गुरु अवसरवादी
उन्होंने कहा कि, सतनामी समाज पूरी तरह एक है, गुरु लोग अवसरवादी हैं। सतनामी समाज की गुरु प्रथा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि, गुरु घासीदास जी के वंश में पैदा होने से ही कोई गुरु नहीं हो जाता। बाबा गुरु घासीदास जी ही सतनामी समाज के असली गुरु हैं। सतनामी समाज के 80% लोग गुरु प्रथा बंद करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, सतनामी समाज पूरी तरह एक है और गुरु लोग अवसरवादी हैं। कांग्रेस की सरकार थी तो वे कांग्रेस में थे, चुनाव आया तो BJP में चले गए।